जयशंकर प्रसाद व उनकी प्रमुख रचनाये प्रश्नो के साथ – हिंदी साहित्यकार

"देश की दुर्दशा निहारोगे डूबते को कभी उबारोगे हारते ही रहे न है कुछ अब दाँव पर आपको न हारोगे कुछ करोगे कि बस सदा रोकर दीन हो दैव को पुकारोगे सो रहे तुम, न भाग्य सोता है आप बिगड़ी तुम्हीं सँवारोगे दीन जीवन बिता रहे अब तक क्या हुए जा रहे, विचारोगे ?

काव्य

प्रेम-पथिक -1909 ई॰ (प्रथम संस्करण ब्रजभाषा में; संशोधित-परिवर्धित संस्करण खड़ी बोली में – 1994

  1. करुणालय (काव्य–नाटक) – 1913 ई॰ (‘चित्राधार’ के प्रथम संस्करण में ‘करुणालय’ संकलित थी, परंतु 1928में इन दोनों का स्वतंत्र प्रकाशन हुआ।)
  2. महाराणा का महत्त्व – 1914 ई॰ (यह भी ‘चित्राधार’ के प्रथम संस्करण में करुणालय के साथ ही संकलित थी, परंतु 1928 में इसका भी स्वतंत्र प्रकाशन हुआ।)
  3. चित्राधार – 1918 ई॰ 
  4. कानन कुसुम – 1913 ई॰ (ब्रजभाषा मिश्रित प्रथम ]
  5. झरना – 1918 ई॰ 
  6. आँसू – 1925ई॰
  7. लहर- 1935 ई॰
  8. कामायनी – 1936 ई॰

संशोधन एवं परिवर्धन के पश्चात जयशंकर प्रसाद के काव्य–संग्रहों का कालानुक्रम

संशोधित वर्षकृतिप्रथम संस्करण वर्ष
१९१४प्रेमपथिक१९०९
१९२७झरना१९१८
१९२८करुणालय१९१३
१९२८महाराणा का महत्त्व१९१४
१९२८चित्राधार१९१८
१९२९कानन कुसुम१९१३ पुनः १९१८
१९३३आँसू१९२५
१९३५लहर 
१९३६कामायनी

कहानी-संग्रह एवं उपन्यास

  1. छाया – १९१२ ई॰
  2. प्रतिध्वनि – १९२६ ई॰
  3. आकाशदीप – १९२९ ई॰
  4. आँधी – १९३१ ई॰
  5. इन्द्रजाल – १९३६ ई॰
उपन्यास-
  1. कंकाल – १९२९ ई॰
  2. तितली – १९३४ ई॰
  3. इरावती – १९३८ ई॰

नाटक-एकांकी एवं निबन्ध

  1. उर्वशी (चम्पू) – १९०९ ई॰
  2. सज्जन – १९१० ई॰
  3. कल्याणी परिणय – १९१२ ई॰ (नागरी प्रचारिणी पत्रिका में प्रकाशित; १९३१ ई॰ में कुछ संशोधनों के साथ ‘चन्द्रगुप्त’ नाटक में समायोजित।)
  4. प्रायश्चित्त – १९१४ ई॰
  5. राज्यश्री – १९१५ ई॰
  6. विशाख – १९२१ ई॰
  7. अजातशत्रु – १९२२ ई॰
  8. जनमेजय का नाग-यज्ञ – १९२६ ई॰
  9. कामना – १९२७ ई॰
  10. स्कन्दगुप्त विक्रमादित्य – १९२८ ई॰
  11. एक घूँट – १९३० ई॰
  12. चन्द्रगुप्त – १९३१ ई॰
  13. ध्रुवस्वामिनी – १९३३ ई॰
  14. अग्निमित्र (अपूर्ण)
निबन्ध-
  1. काव्य और कला तथा अन्य निबन्ध – १९३९ (भारती भण्डार, लीडर प्रेस, इलाहाबाद से प्रकाशित।
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