संस्कृत-भाषा-व्यवहारे घटिका-सम्बन्धि-कालसूचक-शब्दाना प्रयोगः अतीव सरलः भवति, तदेव अत्र प्रदश्यते । दो तावत् सामान्य-समयलेखनम् इत्युक्ते पूर्ण-समयलेखनं कथमिति दर्यते – (संस्कृत भाषा व्यवहार में घड़ी सम्बन्धी समयसूचक शब्दों का प्रयोग बहुत सरल होता है, उसी को यहाँ प्रदर्शित किया गया है। प्रारम्भिक समय में सामान्य समय लेखन यह कहा गया पूर्ण समय लेखन कैसे हो, इसे दर्शाया गया है।)
सपाद-सार्ध-पादोन (सवा, आधा (साढ़े), पौन)।
चतुर्थांशः ‘पाद’ इति अर्धाश: च ‘अर्ध’ इति कथ्यते । अतो हि सवा’ इत्यस्य कृते संस्कृते ‘सपाद’ इति, ‘साढ़े’ इत्यस्य कृते ‘सार्ध’ इति, ‘पौन’ इत्यस्य कृते च ‘पादोन’ इति शब्दः प्रयुज्यते। यथा
(चतुर्थाश ‘पद’ और ‘अर्धांश को अर्ध कहा जाता है। इसी प्रकार ही सवा’ इसके लिए संस्कृत में ‘सपाद,’ ‘साढ़े इसके लिए सार्ध और ‘पौन’ इसके लिए ‘पादोन’ शब्द प्रयुक्त किया जाता है। अर्थात् ‘सवा’ के लिए ‘सपाद’, साढ़े के लिए ‘सार्ध’ तथा पौन के लिए पादोन शब्द का प्रयोग किया जाता है।)
अब सवा चार बजे हैं। अधुना सपादचतुर्वादनम् अस्ति।
अब साढ़े चार बजे हैं। अधुना सार्धचतुर्वादनम् अस्ति।
अब पौने चार बजे हैं। अधुना पादोनचतुर्वादनम् अस्ति।
अन्य उदाहरणानि
सपाद (सवा)- जब घड़ी की बड़ी सुई तीन पर हो तथा छोटी सुई किसी भी अंक से थोड़ी आगे हो, तो उस अंक के सवा बजते हैं । जैसे- सवा बजे (संपादैकवादनम्), सवा दो बजे (सपादद्विवादनम्) ।
सार्ध (साढे)-जब घड़ी की बड़ी सुई 6 (छ:) पर होती है तथा छोटी सुई किन्हीं दो अंकों के ठीक बीच में हो, तो पूर्ववाले अंक के ‘साढे’ बजते हैं । यदि छोटी सुई 3 और 4 के ठीक बीच में हो तो साढ़े तीन बजेंगे । ‘साढ़े’ के लिए ‘सार्ध’ तथा बजे के लिए ‘वादनम्’ का प्रयोग करते हैं । 1: 30 तथा 2 : 30 को क्रमशः ‘डेढ़’ और ‘ढाई’ कहते हैं। साढ़े एक और साढ़े दो नहीं । जैसे –
पादोन (पौन) – जब पूर्णांक में एक-चौथाई भाग कम होता है, तो उसे ‘पौन’ कहते हैं । घड़ी में जब मिनट की बड़ी सुई 9 अंक पर होती है तब वह 45 मिनट को प्रदर्शित करती है तो हम कहते हैं कि पौने दो, पौने चार, पौने छह, पौने नौ आदि बजे हैं । संस्कृत में इसी ‘पौने’ को ‘पादोन’ कहते हैं ।
12:45 को ‘पौन’ कहते हैं, ‘पौने एक’ नहीं। संस्कृत में ‘पौन’ वाले समय को इस प्रकार बताते हैं –
आपको दो बजे अवश्य जाना है। भवता द्विवादने अवश्यं गन्तव्यम् अस्ति।
ठीक तीन बजे एक बस छूटती है। त्रिवादने एक बसयानं गच्छति ।
क्या तुम पौने छ: बजे मिलते हो? कि त्वं पादोन षड्वादने मिलसि ?
मैं साढ़े पाँच बजे घर पर ही रहता हूँ। अहं सार्धपञ्चवादने गृहे एव तिष्ठामि।
संस्कृत-वार्ता प्रसार कब होता है? संस्कृतवार्ताप्रसारः कदा भवति?
ढाई घण्टे का कार्यक्रम है। सार्धद्विघण्टात्मकः कार्यक्रमः।
क्या दस बज गए? कि दशवादनम् जातम् ? ।
मैं छ: बजे से सात बजे तक पढ़ता हूँ। अहं षड्वादनतेः सप्तवादनपर्यन्तं पठामि।
अब तीन बजने में पाँच मिनट है। अधुना पञ्चन्यूनत्रिवादनम् अस्ति।
अब चार बजकर दस मिनट हैं। अधुना देशाधिकचतुर्वादनम् अस्ति।
अब छः बजकर चालीस मिनट हैं। अधुना चत्वारिंशदधिकषड्वादनम् अस्ति।
सवा बजे लिखता है। संपादक-वादने लिखति।।
सात बजकर चालीस मिनट पर कहता है। चत्वारिंशत्यधिक-सप्तवादने कथयति ।
अब आठ बजकर पचास मिनट हुए हैं। अधुना पञ्चाशदधिक-अष्टवादनम् अस्ति ।।
चार बजे से छ: बजे तक खेलता है। चतुर्वादनतः षड्वादन-पर्यन्तं क्रीडति ।
तस्लीमा नसरीन सवा बारह बजे बोलती है। तस्लीमा नसरीन: संपाद-द्वादशवादने भाषते ।
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