MPTET Biology Chapter 1: Diversity in Living World (Full Notes)

MPTET Varg 1 Biology

अध्याय 1 – जीव जगत (The Living World)

पृएर्न्स्ट मेयर का जन्म 5 जुलाई 1904 को जर्मनी में हुआ था। उन्हें “20वीं सदी के डार्विन कहा जाता है। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय में 1953 से 1975 तक कार्य किया और पक्षिविज्ञान, वर्गिकी, विकासवाद तथा जीवविज्ञान के दर्शन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।  उन्हें बाल्ज़न पुरस्कार (1983), इंटरनेशनल प्राइज फॉर बायोलॉजी (1994) और क्राफोर्ड पुरस्कार (1999) जैसे प्रमुख सम्मान मिले।

थ्वी पर जीवन की अपार विविधता पाई जाती है। विभिन्न आकार, आकृति, संरचना और निवास स्थान वाले जीवों की यह विविधता जैव विविधता (Biodiversity) कहलाती है। अब तक लगभग 1.7–1.8 मिलियन प्रजातियों का वर्णन किया जा चुका है। इतनी बड़ी विविधता के अध्ययन हेतु वैज्ञानिकों ने जीवों का वर्गीकरण (Classification) किया, ताकि समान विशेषताओं वाले जीवों को एक समूह में रखा जा सके।

🔹 गैरपरिभाषित विशेषताएँ (Non-defining Characteristics)

जीवों में वृद्धि (Growth) और जनन (Reproduction) को सामान्यतः जीवन की विशेषताएँ माना जाता है।
एककोशिकीय जीवों (Unicellular organisms) में वृद्धि और जनन एक साथ होते हैं, जबकि बहुकोशिकीय जीवों (Multicellular organisms) में यह दोनों अलग-अलग घटनाएँ हैं।

पौधों में वृद्धि स्थानिक (localized) और अनिश्चित (indefinite) होती है, अर्थात जीवनभर चलती रहती है।
वहीं जानवरों में वृद्धि समान रूप से (diffused) और सीमित (definite) होती है, यानी एक निश्चित आयु तक ही होती है।

हालांकि, जनन सभी जीवों में नहीं पाया जाता — जैसे खच्चर (Mule), श्रमिक मधुमक्खियाँ (Worker bees) तथा बाँझ मानव (Infertile humans) प्रजनन नहीं करते, फिर भी ये जीवित हैं।

इसलिए, केवल जनन को जीवन की पहचान नहीं माना जा सकता।

🔹 परिभाषित विशेषताएँ (Defining Characteristics)

  1. उपापचय(Metabolism):
    जीवों की कोशिकाओं के भीतर होने वाली सभी रासायनिक क्रियाओं (अनाबोलिज्म + कैटाबोलिज्म) को उपापचय कहा जाता है।
    यह जीवन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है क्योंकि ऐसी रासायनिक क्रियाएँ केवल जीवित कोशिकाओं में ही होती हैं।
  2. कोशिकीयसंगठन (Cellular Organisation):
    प्रत्येक जीव कोशिकाओं से बना होता है और सभी उपापचयी क्रियाएँ इन्हीं कोशिकाओं के भीतर होती हैं।
    इसीलिए कोशिकीय संगठन जीवन की आवश्यक पहचान है।
  3. चेतना(Consciousness):
    जीवों की अपने परिवेश को महसूस करने और उसके प्रति प्रतिक्रिया देने की क्षमता को चेतना कहा जाता है।
    यही चेतना जीवित और निर्जीव में भेद करती है और जीवन की मुख्य पहचान है।

🔹 वर्गीकरण विज्ञान और तंत्रविज्ञान (Taxonomy and Systematics)

जीवों की पहचान (Identification), नामकरण (Nomenclature) और वर्गीकरण (Classification) के अध्ययन को वर्गीकरण विज्ञान (Taxonomy) कहा जाता है।
जब इन जीवों को उनके विकासवादी संबंधों (Evolutionary relationships) के आधार पर क्रमबद्ध किया जाता है, तो इसे तंत्रविज्ञान (Systematics) कहते हैं।

कैरोलीनस लिनियस (Carolus Linnaeus) ने प्रसिद्ध पुस्तक “Systema Naturae” लिखी और द्विनामी नामकरण प्रणाली (Binomial Nomenclature) दी।
इस प्रणाली में प्रत्येक जीव का नाम दो शब्दों में होता है —
1️⃣ वंश (Genus)
2️⃣ जाति (Species)

उदाहरण:

  • Homo sapiens→ मानव
  • Panthera leo→ सिंह
  • Mangifera indica→ आम

🔹 अंतर्राष्ट्रीय संहिताएँ (International Codes)

  • ICBN→ International Code of Botanical Nomenclature (वनस्पति नामकरण हेतु)
  • ICZN→ International Code of Zoological Nomenclature (प्राणी नामकरण हेतु)

इन संहिताओं से सुनिश्चित होता है कि प्रत्येक जीव का एक ही सार्वभौमिक नाम विश्वभर में स्वीकार्य हो।

🔹 वर्गीय पदानुक्रम (Taxonomic Hierarchy)

सभी जीवों का वर्गीकरण एक निश्चित क्रम में किया जाता है जिसे वर्गीय पदानुक्रम (Taxonomic Hierarchy) कहा जाता है।
प्रत्येक स्तर को वर्गीय श्रेणी (Category) या Taxon कहा जाता है।

मुख्य श्रेणियाँ (निचले से ऊँचे क्रम में):

  1. जाति(Species): समान विशेषताओं वाले जीवों का समूह जो आपस में प्रजनन कर सकते हैं।
  2. वंश(Genus): निकट संबंधी जातियों का समूह।
  3. कुल(Family): समान वंशों का समूह।
  4. गण(Order): समान कुलों का समूह।
  5. वर्ग(Class): समान गणों का समूह।
  6. संघ/ विभाग (Phylum/Division): समान वर्गों का समूह।
  7. जगत(Kingdom): सबसे उच्च श्रेणी जिसमें समान संघ या विभाग आते हैं।

🔹 वर्गीकरण का महत्व (Importance of Classification)

वर्गीकरण से वैज्ञानिकों को सहायता मिलती है:

  • जीवोंकी सही पहचान और नामकरण करने में।
  • उनकेविकासात्मक संबंध (Evolutionary relationships) समझने में।
  • एकसमान वैज्ञानिक नाम से स्थानीय नामों के भ्रम से बचने में।

🔹 अध्याय का सारांश (Summary)

  • जीवोंकी पहचान उनके उपापचय, कोशिकीय संगठन और चेतना से होती है।
  • जनन वृद्धि जीवों के सामान्य लक्षण हैं, लेकिन सभी में आवश्यक नहीं।
  • लिनियसने द्विनामी नामकरण प्रणाली दी।
  • ICBN औरICZN वैज्ञानिक नामों को विश्वव्यापी बनाने हेतु बनाए गए।
  • Taxonomic hierarchyके सात मुख्य स्तर हैं — जाति, वंश, कुल, गण, वर्ग, संघ, जगत।
  • वर्गीकरणसे जैव विविधता को समझना सरल होता है और जीवों के बीच समानता व भिन्नता ज्ञात होती है

📘 अध्याय 2 – जैविक वर्गीकरण (Biological Classification)

🔹 परिभाषा (Definition)

विभिन्न जीवों को उनकी समानताओं, असमानताओं तथा वंशानुक्रमीय (phylogenetic) संबंधों के आधार पर समूहों में बाँटने की प्रक्रिया को जैविक वर्गीकरण कहा जाता है।

🔹 ऐतिहासिक विकास (Historical Development)

  1. अरस्तू(Aristotle) –
  • सबसेपहले पौधों और जन्तुओं का वर्गीकरण किया।
  • उन्होंनेजन्तुओं को दो वर्गों में बाँटा —
    • Enaima(जिनमें लाल रक्त होता है)
    • Anaima(जिनमें लाल रक्त नहीं होता)।
  • पौधोंको जड़ीबूटी (Herbs), झाड़ी (Shrubs) और वृक्ष (Trees) में बाँटा।
    1. कार्ललीनियस (Linnaeus) –
  • दो-जगतवर्गीकरण (Two Kingdom System) दिया।
  • सभीजीवों को दो वर्गों में बाँटा —
    • Plantae (पौधे)
    • Animalia (जन्तु)
  1. आर. एच. व्हिटेकर(H. Whittaker, 1969) –
  • पाँच-जगतवर्गीकरण (Five Kingdom System) प्रस्तुत किया।
  • आधार–
    1. कोशिकीयसंरचना (Cell structure)
    2. संगठनकी जटिलता (Complexity of organisms)
    3. पोषणका तरीका (Mode of nutrition)
    4. प्रजनन(Reproduction)
    5. वंशानुक्रमीयसंबंध (Phylogenetic relationship)
  • पाँचजगत –
    Monera, Protista, Fungi, Plantae, Animalia

🧫 1️ Monera (मोनेरा जगत)

मुख्य विशेषताएँ:

  • सभीप्रोकैरियोटिक (Prokaryotic) जीव इस जगत में आते हैं।
  • कोशिकामें स्पष्ट केंद्रक (True nucleus) नहीं होता।
  • DNA बिनाझिल्ली वाले न्यूक्लॉइड में होता है।
  • झिल्ली-बद्धकोशिकांग (membrane-bound organelles) नहीं होते।
  • आकारके प्रकार –
  • गोलाकार(Coccus)
  • दण्डाकार(Bacillus)
  • अल्पवक्र(Vibrio)
  • सर्पिल(Spirillum)

प्रजनन (Reproduction):

  • Binary fission (द्विखंडन)द्वारा सामान्य प्रजनन।
  • प्रतिकूलपरिस्थितियों में spore formation (बीजाणु निर्माण)
  • कभी-कभीDNA स्थानांतरण (DNA transfer) द्वारा भी।

उदाहरण एवं उपवर्ग:

🔸 Mycoplasma (माइकोप्लाज्मा)

  • कोशिकाभित्ति (Cell wall) का अभाव।
  • सबसेछोटा जीवित कोशिकीय जीव।
  • ऑक्सीजनके बिना जीवित रह सकता है।

🔸 Archaebacteria (आर्कीबैक्टीरिया)

  • अत्यधिककठोर परिस्थितियों (चरम वातावरण) में पाए जाते हैं।
  • तीनप्रमुख प्रकार –
  • Methanogens (मीथेनोजेन्स):जुगाली करने वाले पशुओं की आँतों में पाए जाते हैं, मीथेन गैस बनाते हैं।
  • Halophiles (हैलोफाइल्स):खारे जल या सलाइन झीलों में।
  • Thermoacidophiles (थर्मोएसिडोफाइल्स):गर्म अम्लीय झरनों में।

🔸 Eubacteria (यूबैक्टीरिया)

  • वास्तविकबैक्टीरिया (True bacteria)।
  • कठोरकोशिका भित्ति (Rigid cell wall) होती है।
  • पोषण–
  • Autotrophic (स्वपोषी):प्रकाश या रासायनिक ऊर्जा से भोजन बनाते हैं।
  • Heterotrophic (परपोषी):दूसरे जीवों पर निर्भर।

🦠 2️ Protista (प्रोटिस्टा जगत)

मुख्य विशेषताएँ:

  • सभीएककोशिकीय यूकैरियोटिक (Unicellular eukaryotic) जीव इस समूह में आते हैं।
  • इनमेंस्पष्ट केंद्रक (Nucleus) और झिल्ली-बद्ध कोशिकांग (Membrane-bound organelles) होते हैं।
  • यहपौधों और जन्तुओं के बीच की कड़ी हैं (Intermediate link)।
  • इसमेंProtozoa, Chrysophytes, Dinoflagellates, Euglenoids और Slime moulds सम्मिलित हैं।

🧿 Chrysophytes (क्राइसोफाइट्स)

  • इसमेंDiatoms (डायटॉम्स) और Golden algae (Desmids) शामिल हैं।
  • Diatomsकी कोशिका भित्ति सिलिका से बनी होती है।
  • मरनेके बाद इनकी दीवारें समुद्र/तालाबों में जमा होकर Diatomaceous earth बनाती हैं।
  • यहमिट्टी खुरदरी होती है और प्रयोग होती है –
  • पॉलिशकरने में
  • तेलऔर सिरप के छनन (filtration) में
    • Diatoms महासागरोंके प्रमुख उत्पादक (Primary producers) हैं।

🌊 Dinoflagellates (डाइनोफ्लैजलेट्स)

  • अधिकांशमें दो Flagella (फ्लैजेला) होते हैं —
  • एकलंबवत (Longitudinal)
  • दूसराअनुप्रस्थ खांचे में (Transverse groove)।
    • कुछलाल रंग के डाइनोफ्लैजलेट्स जैसे Gonyaulax बहुत तेज़ी से बढ़ते हैं,
      जिससे समुद्र का पानी लाल (Red tide) दिखाई देता है।

🧫 Euglenoids (यूग्लीनोइड्स)

  • पौधोंव जन्तुओं दोनों से मिलते-जुलते गुण।
  • प्रकाशकी उपस्थिति में स्वपोषी (Autotrophic),
    और अंधेरे में परपोषी (Heterotrophic)
  • शरीरपर प्रोटीन से बनी लचीली झिल्ली पेलिकुला (Pellicle) होती है।
  • उदाहरण:Euglena

🦠 Protozoans (प्रोटोजोआ)

  • येपरपोषी (Heterotrophic) होते हैं और जानवरों जैसे व्यवहार करते हैं।
  • प्रमुखप्रकार:
  1. Amoeboid (अमीबॉयड)– जैसे Amoeba
  2. Flagellated (फ्लैजेललेटेड)– जैसे Trypanosoma
  3. Ciliated (सिलियेटेड)– जैसे Paramecium
  4. Sporozoans (स्पोरोज़ोआन्स)– जैसे Plasmodium

🌫️ Slime Moulds (स्लाइम मोल्ड्स)

  • येसैप्रोफाइटिक (Saprophytic) होते हैं।
  • मृतपत्तियों और लकड़ी पर उगते हैं।
  • प्रतिकूलपरिस्थितियों में स्पोर बनाते हैं।

Quick review:

जगत

कोशिका प्रकार

केंद्रक

उदाहरण

पोषण का प्रकार

Monera

प्रोकैरियोटिक

नहीं

Bacteria, Mycoplasma

स्वपोषी / परपोषी

Protista

यूकैरियोटिक

होता है

Amoeba, Euglena

स्वपोषी या परपोषी

Fungi

यूकैरियोटिक

होता है

Yeast, Mushroom

परपोषी (Saprophytic)

Plantae

यूकैरियोटिक

होता है

Algae, Ferns

स्वपोषी

Animalia

यूकैरियोटिक

होता है

Man, Lion

परपोषी

🦠 PROTOZOANS (प्रोटोजोआन्स / आदिजीव)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Features):

  • येसभी एककोशिकीय (Unicellular) और यूकेरियोटिक (Eukaryotic) जीव होते हैं।
  • इनकापोषण परपोषी (Heterotrophic) होता है।
  • अधिकतरपरजीवी (Parasites) या शिकारी (Predators) होते हैं।
  • येजीव प्रोटिस्टा जगत (Kingdom Protista) में आते हैं।

🔸 प्रोटोजोआ के चार प्रमुख समूह (Four Major Groups):

समूह

उदाहरण

मुख्य विशेषता

(a) Amoeboid (अमीबॉयड)

Amoeba, Entamoeba

शरीर में झूठे पैर (Pseudopodia) होते हैं जिनसे गति व भोजन ग्रहण करते हैं।

(b) Flagellated (फ्लैजेललेटेड)

Trypanosoma

गति के लिए फ्लैजेला (Flagella) उपस्थित होते हैं; अनेक परजीवी होते हैं।

(c) Ciliated (सिलिएटेड)

Paramecium

शरीर पर असंख्य सूक्ष्म बाल जैसे संरचनाएँ (Cilia) होती हैं, गति एवं भोजन ग्रहण में सहायक।

(d) Sporozoans (स्पोरोज़ोआन्स)

Plasmodium

स्पोर द्वारा जनन करते हैं; अधिकांश परजीवी होते हैं जैसे Plasmodium (मलेरिया कारक)।

🧬 महत्वपूर्ण तथ्य:

  • Plasmodium vivax— मलेरिया उत्पन्न करता है।
  • Entamoeba histolytica— पेचिश (Amoebic dysentery) उत्पन्न करता है।
  • Trypanosoma— नींद की बीमारी (Sleeping sickness) का कारण है।

🍄 FUNGI (कवक)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Features):

  • कवकसर्वव्यापी (Cosmopolitan) होते हैं — मिट्टी, हवा, जल और अन्य जीवों पर पाए जाते हैं।
  • येपरपोषी (Heterotrophic) होते हैं, पोषक तत्व अवशोषण (Absorption) द्वारा प्राप्त करते हैं।
  • कोशिकाभित्ति काइटिन (Chitin) या फंगल सेल्युलोज से बनी होती है।
  • पोषणका प्रकार —
  • सैप्रोफाइटिक(Saprophytic): मृत कार्बनिक पदार्थों से भोजन प्राप्त करते हैं।
  • परजीवी(Parasitic): जीवित पौधों या जन्तुओं पर निर्भर।
  • सहजीवी(Symbiotic): दूसरे जीव के साथ सहयोग में रहते हैं (जैसे लाइकेन)।
    • भोजनका भंडार ग्लाइकोजन (Glycogen) होता है।

🔸 प्रजनन (Reproduction):

प्रकार

विधि

वनस्पतिक (Vegetative)

खंडन (Fragmentation), कली बनना (Budding), द्विखंडन (Fission)

अलैंगिक (Asexual)

स्पोर निर्माण (Spore formation)

लैंगिक (Sexual)

ऊओस्पोर (Oospore), एस्कोस्पोर (Ascospore), बेसिडियोस्पोर (Basidiospore) का निर्माण

लैंगिक जनन क्रम:
1️⃣ प्लाज्मोगैमी (Plasmogamy) — दो कोशिकाओं के प्रोटोप्लाज्म का संलयन
2️⃣ कैरियोगैमी (Karyogamy) — नाभिकों का संलयन
3️⃣ मायोसिस (Meiosis) — हाप्लॉइड बीजाणुओं का निर्माण

🔸 Dikaryon अवस्था (Dikaryotic Phase):

  • कुछकवकों (Ascomycetes और Basidiomycetes) में Plasmogamy के बाद तुरंत Karyogamy नहीं होती।
  • इसअवस्था में कोशिका में दो नाभिक (n + n) होते हैं — इसे Dikaryon कहते हैं।

🔹 कवक के चार मुख्य वर्ग (Four Major Classes of Fungi):

वर्ग

उदाहरण

प्रमुख विशेषता

Phycomycetes (फायकोमाइसीट्स)

Rhizopus, Mucor, Albugo

जल या सड़े-गले पदार्थों पर पाए जाते हैं; स्पोरेंजियोस्पोर द्वारा जनन।

Ascomycetes (एस्कोमाइसीट्स)

Yeast, Penicillium, Neurospora

थैलीनुमा एस्कस (Ascus) में एस्कोस्पोर बनते हैं; “Sac fungi” कहलाते हैं।

Basidiomycetes (बेसिडियोमाइसीट्स)

Agaricus, Puccinia, Ustilago

बेसिडियोस्पोर बनते हैं; “Club fungi” कहलाते हैं।

Deuteromycetes (ड्यूटेरोमाइसीट्स)

Alternaria, Colletotrichum

लैंगिक चरण ज्ञात नहीं; “Imperfect fungi” कहलाते हैं।

🌿 महत्वपूर्ण कवक (Some Important Fungi):

कवक का नाम

उपयोग / प्रभाव

Yeast (यीस्ट)

किण्वन (Fermentation) में उपयोग – ब्रेड, बीयर, चीज़ बनाने में।

Puccinia

गेहूँ में Rust disease (रतुआ रोग) उत्पन्न करता है।

Penicillium

Penicillin एंटीबायोटिक का स्रोत।

Rhizopus

रोटी पर उगने वाला फफूंद (Bread mould)।

Lichen (लाइकेन)

कवक और शैवाल का सहजीवी संघ; शुद्ध वायु का सूचक।

🧾 सारांश तालिका (Summary Table):

विशेषता

प्रोटोजोआ

कवक

कोशिका प्रकार

एककोशिकीय यूकैरियोटिक

बहुकोशिकीय यूकैरियोटिक (कुछ अपवाद जैसे यीस्ट)

पोषण का प्रकार

परपोषी / परजीवी

सैप्रोफाइटिक / परजीवी / सहजीवी

प्रजनन

अलैंगिक (Binary fission, spores)

वनस्पतिक, अलैंगिक, लैंगिक

उदाहरण

Amoeba, Paramecium, Plasmodium

Rhizopus, Yeast, Penicillium, Puccinia

🌿 KINGDOM PLANTAE (प्लांटी जगत)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • अधिकांशपौधे स्वपोषी (Autotrophic) होते हैं, जिनमें क्लोरोफिल (Chlorophyll) होता है जिससे वे प्रकाश-संश्लेषण (Photosynthesis) करते हैं।
  • कोशिकाएँयूकेरियोटिक (Eukaryotic) होती हैं।
  • इनकीकोशिका भित्ति सेल्युलोज (Cellulose) से बनी होती है।
  • कुछपौधे आंशिक परपोषी (Partially heterotrophic) होते हैं, जैसे –
  • कीटभक्षीपौधे (Insectivorous plants): Venus flytrap, Bladderwort (Utricularia)
  • परजीवीपौधे (Parasitic plants): Cuscuta (अमरबेल)
    • Plantae जगतमें निम्न समूह सम्मिलित हैं —
  1. Algae (शैवाल)
  2. Bryophytes (कवकजन्यपौधे)
  3. Pteridophytes (फर्नजैसे पौधे)
  4. Gymnosperms (अनावृतबीजीपौधे)
  5. Angiosperms (आवृतबीजीपौधे)

🐾 KINGDOM ANIMALIA (एनिमेलिया जगत)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • सभीजीव यूकेरियोटिक (Eukaryotic), बहुकोशिकीय (Multicellular) और परपोषी (Heterotrophic) होते हैं।
  • इनकीकोशिका भित्ति अनुपस्थित (Absent) होती है।
  • अधिकांशजन्तु लैंगिक प्रजनन (Sexual reproduction) करते हैं।
  • पोषणअभिग्रहण (Ingestion) के माध्यम से होता है।
  • गति(Locomotion) और संवेदनशीलता (Response to stimuli) विशेष रूप से विकसित होती है।

🦠 VIRUSES (विषाणु)

🔹 मुख्य तथ्य (Main Facts):

  • वायरसअकोशिकीय (Acellular) सूक्ष्मजीव होते हैं।
  • इनमेंआनुवंशिक पदार्थ (Genetic material) होता है — या तो DNA या RNA (दोनों कभी नहीं)।
  • आनुवंशिकपदार्थ के चारों ओर प्रोटीन आवरण (Capsid) होता है, जो छोटे उपखंडों Capsomeres से बना होता है।
  • येकेवल जीवित कोशिका के भीतर ही वृद्धि कर सकते हैं — इसलिए इन्हें अनिवार्य परजीवी (Obligate parasites) कहते हैं।
  • मेजबान(Host) के बाहर ये निर्जीव (Inert) रहते हैं।

🔸 ऐतिहासिक खोज (Historical Discoveries):

वैज्ञानिक

वर्ष

योगदान

Dmitri Ivanowsky

1892

तम्बाकू मोज़ेक रोग (Tobacco Mosaic Virus – TMV) के कारक को “Virus” नाम दिया।

M.W. Beijerinck

1898

संक्रमित पौधों के रस को “Contagium Vivum Fluidum” कहा (अर्थ: संक्रामक जीवित द्रव)।

W.M. Stanley

1935

TMV को क्रिस्टलीकृत किया और सिद्ध किया कि यह प्रोटीन से बना है।

🔹 संरचना (Structure):

  • न्यूक्लिकअम्ल (DNA या RNA) = Core
  • प्रोटीनआवरण = Capsid
  • कुछवायरसों में लिपिड झिल्ली (Envelope) भी होती है।

🔸 प्रमुख विशेषताएँ (Important Features):

  • वायरसमेजबान की कोशिकीय मशीनरी का उपयोग कर स्वयं को प्रतिलिपित (Replicate) करते हैं।
  • मेजबानके बाहर निष्क्रिय (Inactive) रहते हैं।
  • जीवितएवं निर्जीव गुणों का मिश्रण प्रदर्शित करते हैं।

🔸 वायरस से होने वाले प्रमुख रोग (Diseases Caused by Viruses):

मनुष्यों में (In Humans):

  • Common cold (साधारणजुकाम)
  • AIDS (एड्स)
  • Polio (पोलियो)
  • Mumps (गलसुआ)
  • Measles (खसरा)
  • Chickenpox (चेचक)

पौधों में (In Plants):

  • Tobacco Mosaic (TMV)
  • Cucumber Mosaic
  • Leaf Curling (पत्तियोंका मुड़ना)
  • Vein Yellowing (शिराओंका पीला पड़ना)

🔹 RNA और DNA वायरस के प्रकार:

प्रकार

मेजबान

आनुवंशिक पदार्थ

Plant viruses

पौधे

एकल-सूत्री RNA (Single-stranded RNA)

Animal viruses

जन्तु

एकल या द्वि-सूत्री RNA या DNA

Bacteriophages

जीवाणु

द्वि-सूत्री DNA (Double-stranded DNA)

🧬 VIROIDS (वायरॉइड्स)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • वायरससे भी छोटे संक्रामक कण (Infectious agents)
  • केवलRNA से बने होते हैं।
  • इनमेंप्रोटीन आवरण (Capsid) नहीं होता।
  • O. Diener (1971)ने इन्हें खोजा।
  • इन्होंनेPotato Spindle Tuber Disease उत्पन्न की।

🧩 इसलिए, Viroids को “Naked RNA molecules (नग्न RNA कण)” कहा जाता है।

🧫 PRIONS (प्रायन)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • येसामान्य प्रोटीन के विकृत (abnormally folded) रूप होते हैं।
  • इनकाआकार वायरस से भी छोटा होता है।
  • इनमेंDNA या RNA नहीं होता।
  • येअन्य प्रोटीनों के आकार को बदलकर संक्रमण फैलाते हैं।

🔸 प्रायन से होने वाले रोग (Diseases Caused by Prions):

रोग का नाम

प्रभावित जीव

विवरण

Bovine Spongiform Encephalopathy (BSE)

गाय (Cattle)

इसे “Mad Cow Disease” कहा जाता है।

Creutzfeldt–Jacob Disease (CJD)

मनुष्य

मस्तिष्क को प्रभावित करने वाला घातक तंत्रिका रोग।

🧾 अंतिम सारांश तालिका (Final Summary Table):

श्रेणी

संरचना

प्रमुख अणु

प्रोटीन आवरण

खोजकर्ता

उदाहरण / रोग

Virus (विषाणु)

अकोशिकीय

DNA या RNA

उपस्थित

Ivanowsky, Beijerinck, Stanley

AIDS, TMV, Flu

Viroid (वायरॉइड)

अकोशिकीय

केवल RNA

अनुपस्थित

T.O. Diener

Potato spindle tuber disease

Prion (प्रायन)

प्रोटीन

DNA/RNA नहीं

नहीं

Mad Cow Disease, CJD

 

 

 LICHENS (लाइकेन / शैवालकवक संघ)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • लाइकेन(Lichens) दो जीवों का सहजीवी (Symbiotic) और परस्पर लाभकारी (Mutually beneficial) संबंध है।
  • यहसंबंध होता है —
  • शैवाल(Algae / Phycobiont) — स्वपोषी (Autotrophic) होता है और प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन बनाता है।
  • कवक(Fungus / Mycobiont) — परपोषी (Heterotrophic) होता है, यह शैवाल को सुरक्षा (Protection) और आश्रय (Shelter) प्रदान करता है।

🔸 संरचना एवं कार्य (Structure and Role):

घटक

नाम

कार्य

शैवाल भाग

Phycobiont

प्रकाश-संश्लेषण द्वारा भोजन (Glucose) बनाता है।

कवक भाग

Mycobiont

शैवाल को संरक्षण, जल और खनिज पदार्थ प्रदान करता है।

🔹 पर्यावरणीय महत्व (Ecological Importance):

  • लाइकेनकेवल शुद्ध वायु वाले (Pollution-free) क्षेत्रों में पनपते हैं।
  • वेप्रदूषण सूचक (Pollution indicators) के रूप में जाने जाते हैं क्योंकि प्रदूषित वातावरण में नहीं उगते।
  • येअक्सर पत्थरों, छालों और दीवारों पर उगते हैं।

🔸 प्रमुख प्रकार (Main Types):

  1. Crustose (क्रस्टोज़)– सतह पर चिपके हुए (जैसे पत्थरों पर)।
  2. Foliose (फोलियोज़)– पत्तीनुमा आकार वाले।
  3. Fruticose (फ्रूटिकोज़)– झाड़ी या शाखा-जैसे आकार वाले।

🔹 महत्व (Importance of Lichens):

  • वायुगुणवत्ता (Air quality) के प्राकृतिक सूचक (Natural indicators)
  • औषधियों, रंगोंऔर सुगंधित पदार्थों के निर्माण में उपयोग।
  • मृदानिर्माण (Soil formation) में सहायक — यह चट्टानों को तोड़कर मिट्टी बनने की प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं।

🧾 संक्षेप में (In Short):

लाइकेन = Algae (भोजन) + Fungus (सुरक्षा)
👉 यह संबंध परस्पर सहजीविता (Mutual Symbiosis) का उत्कृष्ट उदाहरण है।
👉 प्रदूषण रहित वातावरण में ही बढ़ते हैं, इसलिए वायु प्रदूषण सूचक (Air Pollution Indicators) कहलाते हैं।

 

PLANT KINGDOM -:

 

🌿 ALGAE (शैवाल)

शैवाल (Algae) पौधेनुमा स्वपोषी जीव होते हैं, जिनमें क्लोरोफिल (Chlorophyll) पाया जाता है।
इनका शरीर थैलस (Thallus) प्रकार का होता है (जड़, तना, पत्ती का विभाजन नहीं होता)।
ये जलीय वातावरण (जल, नमी वाले स्थान) में अधिक पाई जाती हैं।

🟢 GREEN ALGAE (हरित शैवाल / Chlorophyceae)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • सूक्ष्मदर्शी(Microscopic), यूकैरियोटिक (Eukaryotic), प्रायः एककोशिकीय (Unicellular)।
  • अमोनियमलवणों से युक्त स्थानों (Ammonium salt-rich habitat) में अधिक पाई जाती हैं।
  • इनमेंमुख्य पिगमेंट क्लोरोफिल a और b होता है, जिससे हरा रंग दिखाई देता है।
  • कोशिकाभित्ति सेल्युलोज से बनी होती है।
  • भोजनका भंडारण पदार्थ स्टार्च (Starch) होता है।

🔸 प्रजनन (Reproduction):

प्रकार

विधि

अलैंगिक (Asexual)

ज़ूओस्पोर (Zoospores), पामेला अवस्था (Palmella stage), एकिनीट्स (Akinetes), एप्लैनोस्पोर (Aplanospores), हाइपनोस्पोर (Hypnospores) द्वारा।

लैंगिक (Sexual)

Isogamy (समान आकार वाले गैमीट), Anisogamy (असमान आकार वाले गैमीट), या Oogamy (अंडाणु और शुक्राणु जैसे गैमीट) द्वारा।

  • Holdfast cell— यह गैरप्रकाशसंश्लेषी (Non-photosynthetic) होती है और विभाजन की क्षमता खो चुकी होती है।

🟤 BROWN ALGAE (भूरी शैवाल / Phaeophyceae)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • एककोशिकीयभूरी शैवाल नहीं पाई जाती।
  • प्रमुखउदाहरण — Sargassum, Laminaria, Fucus, Dictyota आदि।
  • Sargassumसमुद्री जहाज़ों के मार्ग में बाधा उत्पन्न करता है — इसलिए इसे “menace to shipping” कहा जाता है।
  • Laminariaअत्यधिक विशाल आकार (20–30 मीटर) तक बढ़ती है — इसलिए इन्हें “Giant kelps” कहा जाता है।
  • कोशिकाभित्ति में सेल्युलोज तथा फायकोकोलॉइड्स (Phycocolloids) पाए जाते हैं।
  • Alginic acid (एल्जिनिकअम्ल) इन्हीं फाइकोकोलॉइड्स से प्राप्त किया जाता है — इसका उपयोग औद्योगिक पदार्थों (जैसे आइसक्रीम, जेल) में होता है।
  • प्रमुखरंगद्रव्य — फायकोफायसिन (Phycophaeophytin) एवं कैरोटीन

🔴 RED ALGAE (लाल शैवाल / Rhodophyceae)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • प्रायःसमुद्र के गहरे भागों (Deep ocean) में पाई जाती हैं।
  • लालरंग का कारण — फायकोएरिथ्रिन (Phycoerythrin) नामक रंगद्रव्य।
    यह गहराई में उपलब्ध प्रकाश की तरंग दैर्घ्य को अवशोषित कर लेता है।
  • लालऔर भूरी शैवाल को Seaweed (समुद्री शैवाल) कहा जाता है।
  • उदाहरण— Polysiphonia, Gelidium, Gracilaria, Porphyra
  • Polysiphoniaमें प्रतिजैविक (Antibacterial) गुण पाए जाते हैं।
  • कोशिकाभित्ति में सेल्युलोज  पेक्टिन के साथ अगार (Agar) और कैरेजीनन (Carrageenan) पाए जाते हैं।

🔸 LIFE CYCLE IN GREEN ALGAE (जीवन चक्र के प्रकार):

प्रकार

वर्णन

उदाहरण

1️ Haplontic (हैप्लॉन्टिक)

ज़ाइगोट (Zygote) ही एकमात्र द्विगुणित अवस्था होती है; meiosis ज़ाइगोट में होता है।

Ulothrix, Spirogyra

2️ Diplontic (डिप्लॉन्टिक)

केवल गैमीट हाप्लॉइड होते हैं; संपूर्ण शरीर द्विगुणित।

Caulerpa

3️ Diplohaplontic (डिप्लोहैप्लॉन्टिक)

हाप्लॉइड और डिप्लॉइड दोनों अवस्थाएँ विकसित और बहुकोशिकीय होती हैं।

Ectocarpus, Polysiphonia

🧾 सारांश तालिका (Summary Table):

विशेषता

Green Algae (हरित शैवाल)

Brown Algae (भूरी शैवाल)

Red Algae (लाल शैवाल)

रंगद्रव्य

Chlorophyll a, b

Chlorophyll a, c; Fucoxanthin

Chlorophyll a, d; Phycoerythrin

भंडारण पदार्थ

स्टार्च

Laminarin, Mannitol

Floridean starch

आवास

ताजे जल में

समुद्री जल में

गहरे समुद्री जल में

कोशिका भित्ति

सेल्युलोज

सेल्युलोज + ऐल्जिनिक अम्ल

सेल्युलोज + पेक्टिन + अगर

प्रमुख उदाहरण

Spirogyra, Ulothrix

Sargassum, Laminaria

Polysiphonia, Gelidium

🌿 शैवाल का आर्थिक महत्व (Economic Importance of Algae):

उपयोग / क्षेत्र

उदाहरण (पूरी तरह हिंदी में)

विवरण

पशु आहार (Cattle Food)

सार्गैसम (Sargassum), फ्यूकस (Fucus), मैक्रोसिस्टिस (Macrocystis)

ये शैवाल विटामिन A और E से भरपूर होते हैं, पशुओं के लिए पौष्टिक आहार का कार्य करते हैं।

मानव आहार (Human Food)

लैमिनेरिया (Laminaria), स्पाइरुलिना (Spirulina) — (सबसे अधिक प्रोटीन युक्त), क्लोरेला (Chlorella) — (प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर)

ये शैवाल मनुष्यों के लिए भोजन के रूप में उपयोग किए जाते हैं, विशेषकर स्पाइरुलिना को “सुपर फूड” कहा जाता है।

एल्जिनिक अम्ल (Algenic Acid)

लैमिनेरिया (Laminaria), एस्कोफिलम (Ascophyllum), मैक्रोसिस्टिस (Macrocystis)

इन शैवालों से एल्जिनिक अम्ल प्राप्त किया जाता है, जिसका उपयोग आइसक्रीम, जेल, टूथपेस्ट आदि में किया जाता है।

कैरेजीनन (Carrageenin)

कॉन्ड्रस क्रिस्पस (Chondrus crispus) – जिसे आयरिश मॉस (Irish Moss) भी कहते हैं

खाद्य पदार्थों में गाढ़ापन (Thickening agent) और स्थिरता (Stabilizer) देने के लिए प्रयोग किया जाता है।

अगर (Agar)

जेलिडियम (Gelidium), ग्रासिलेरिया (Gracilaria)

प्रयोगशालाओं में संवर्धन माध्यम (Culture medium) के रूप में और जेली, आइसक्रीम आदि में भी प्रयोग।

आयोडीन (Iodine)

लैमिनेरिया डाइजिटाटा (Laminaria digitata)

आयोडीन का प्राकृतिक स्रोत, जिससे औषधियाँ और आयोडीन युक्त नमक बनाए जाते हैं।

नाइट्रोजन स्थिरीकरण (Nitrogen Fixation)

ऐनाबेना (Anabaena), नॉस्टोक (Nostoc)

ये नीला-हरा शैवाल (Cyanobacteria) वायुमंडलीय नाइट्रोजन स्थिर करते हैं और मृदा की उर्वरता (Soil fertility) बढ़ाते हैं।

अंतरिक्ष शैवाल (Space Algae)

क्लोरेला (Chlorella)

यह शैवाल ऑक्सीजन उत्पादन और भोजन का स्रोत है; अंतरिक्ष यात्राओं (Space missions) में उपयोगी।

संक्षेप में (In Short):

🌿 शैवाल केवल जलीय पौधे नहीं, बल्कि मानव जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी जीव हैं।
वे भोजन, औद्योगिक पदार्थ, औषधियाँ, और पर्यावरणीय संतुलन — सभी में योगदान देते हैं।

 

🌱 BRYOPHYTES (ब्रायोफाइट्स / स्थलीय पौधों के उभयचर)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  1. ब्रायोफाइट्सको “पौधों के उभयचर (Amphibians of Plant Kingdom)” कहा जाता है,
    क्योंकि इनका जीवन स्थल और जल — दोनों पर निर्भर करता है।
    (इनका निषेचन जल की उपस्थिति में होता है।)
  2. इनकाजीवन चक्र (Life Cycle) में पीढ़ी परिवर्तन (Alternation of Generation) देखा जाता है —
    जिसमें गैमिटोफाइट (Gametophyte) और स्पोरोफाइट (Sporophyte) दोनों पीढ़ियाँ एक के बाद एक आती हैं।
  3. इनपौधों में वाहिकीय ऊतक (Vascular tissues) अनुपस्थित होते हैं —
    यानी इनमें जाइलम (Xylem) और फ्लोएम (Phloem) नहीं होता।
  4. इनमेंवास्तविक जड़, तना और पत्तियाँ नहीं होतीं
    इनके समान दिखने वाली संरचनाएँ Rhizoids (राइज़ॉइड्स) के माध्यम से मिट्टी में चिपकी रहती हैं।
  5. गैमिटोफाइट(Gametophyte) प्रमुख, स्वतंत्र और प्रकाश संश्लेषी (Photosynthetic) अवस्था होती है।
    यह राइज़ॉइड्स द्वारा भूमि से जुड़ी रहती है।
  6. स्पोरोफाइट(Sporophyte / Sporogonium) पोषण के लिए पूरी तरह गैमिटोफाइट पर निर्भर रहता है।
  7. स्पोरोफाइटमें बीजाणु (Spores) स्पोर कैप्सूल (Spore capsule) में बनते हैं।
    ये बीजाणु अंकुरित होकर नई गैमिटोफाइट पीढ़ी उत्पन्न करते हैं।
  8. निषेचन(Fertilization) के लिए जल आवश्यक (Water essential) होता है।
    शुक्राणु (Antherozoid) तैरकर डिंबकोश (Archegonium) तक पहुँचते हैं।
  9. लैंगिकअंग (Sex organs) बहुकोशिकीय (Multicellular) और आवरणयुक्त (Jacketed) होते हैं —
  • नरअंग → Antheridium (एंथेरिडियम)
  • मादाअंग → Archegonium (आर्किगोनियम)
    1. निषेचनके बाद आर्किगोनियम के भीतर भ्रूण (Embryo) बनता है,
      जो आगे चलकर स्पोरोफाइट (Sporophyte) में विकसित होता है।
    2. प्रोटोनिमा(Protonema) गैमिटोफाइट की प्रारंभिक अवस्था (Juvenile stage) होती है।
    3. ज़ाइगोट(Zygote) स्पोरोफाइट पीढ़ी की प्रथम कोशिका (First cell) होती है,
      जबकि स्पोर (Spore) गैमिटोफाइट पीढ़ी की प्रथम कोशिका कहलाती है।

🧬 जीवन चक्र (Life Cycle Summary):

Gametophyte (n) → लैंगिक जनन → Zygote (2n) → Sporophyte (2n) → बीजाणु (Spores, n) →
फिर से नया Gametophyte (n) बनता है।

इस प्रकार पीढ़ी परिवर्तन (Alternation of generation) होता है।

🌿 ब्रायोफाइट्स के उदाहरण (Examples):

प्रकार

उदाहरण

विशेषता

लिवरवर्ट्स (Liverworts)

Marchantia, Riccia

जल वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

मॉसेस (Mosses)

Funaria, Polytrichum

नम और छायादार स्थानों पर उगते हैं।

🧾 संक्षेप में (In Short):

🌱 ब्रायोफाइट्स = वाहिकीय ऊतक रहित, बीज रहित, जलीय निषेचन वाले पौधे
🔹 इनमें गैमिटोफाइट प्रमुख और स्पोरोफाइट आश्रित होता है।
🔹 इन्हें “पौधों के उभयचर (Amphibians of Plant Kingdom)” कहा जाता है।

🌱 BRYOPHYTES के उपवर्ग (Sub-divisions of Bryophytes)

ब्रायोफाइट्स को दो प्रमुख समूहों में बाँटा गया है —

  1. लिवरवर्ट्स(Liverworts)
  2. मॉसेस(Mosses)

🍃 1️ Liverworts (लिवरवर्ट्स)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • लिवरवर्ट्सनम (Moist) और छायादार (Shady) स्थानों पर पाए जाते हैं —
    जैसे दलदली भूमि (Marshy ground), नदियों के किनारे (Banks of streams),
    नम मिट्टी (Damp soil), पेड़ों की छाल (Bark of trees) और जंगलों के भीतर (Deep woods)।
  • इनकापौध शरीर थैलस (Thallus) जैसा होता है —
    अर्थात् इसमें जड़, तना और पत्तियाँ स्पष्ट रूप से विभाजित नहीं होतीं
  • थैलसद्विमुखी चपटा (Dorsoventrally flattened) होता है।
  • कुछसदस्य जैसे Marchantia (मार्शैंशिया) थैलस रूपी होते हैं।
  • लीफीलिवरवर्ट्स (Leafy Liverworts) में छोटे पत्ती जैसे उपांग (Leaf-like appendages) होते हैं,
    जो तना जैसी संरचनाओं पर व्यवस्थित रहते हैं।

🌿 उदाहरण (Examples):

  • Riccia (रिसिया)
  • Marchantia (मार्शैंशिया)

🍀 2️ Mosses (मॉसेस / काई पौधे)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

1️⃣ जीवन चक्र में गैमिटोफाइट के दो चरण (Two stages of Gametophyte):

चरण

विवरण

(a) प्रोटोनिमा अवस्था (Protonema stage)

यह प्रथम (juvenile) अवस्था है, धागानुमा (filamentous) संरचना बनती है।

(b) लीफी अवस्था (Leafy stage)

इसमें पतली धुरी जैसी शाखाओं पर पत्तियाँ सर्पिल रूप में लगी होती हैं। यह भूमि से बहुकोशिकीय शाखायुक्त राइज़ॉइड्स (Rhizoids) द्वारा जुड़ी रहती है। यही अवस्था लैंगिक अंग (Sex organs) उत्पन्न करती है।

2️⃣ अलैंगिक जनन (Asexual reproduction):

  • खंडन(Fragmentation) और
  • कलीबनना (Budding)
    सेकेंडरी प्रोटोनिमा (Secondary protonema) में होता है।

3️⃣ लैंगिक जनन (Sexual reproduction):

  • लैंगिकअंग पौधे की शीर्ष (Apex) पर बनते हैं।
  • नरअंग: एंथेरिडियम (Antheridium)
  • मादाअंग: आर्किगोनियम (Archegonium)

4️⃣ स्पोरोफाइट (Sporophyte):

  • मॉसेसमें स्पोरोफाइट लिवरवर्ट्स की तुलना में अधिक विकसित (Elaborate) होता है।
  • स्पोरोफाइटमें कैप्सूल (Capsule) होता है जिसमें मायोसिस (Meiosis) के बाद बीजाणु (Spores) बनते हैं।
  • येस्पोर्स अंकुरित होकर नया प्रोटोनिमा बनाते हैं।

🌾 उदाहरण (Examples):

  • फ्यूनारिया(Funaria)
  • स्फैग्नम(Sphagnum)

🔸 Sphagnum का विशेष महत्व (Importance of Sphagnum):

  • स्फैग्नम(Sphagnum) से बनने वाला जीवाश्मीकृत पदार्थ (Fossilised form)
    पीट (Peat)” कहलाता है।
  • पीटका उपयोग —
  • ईंधन(Fuel) के रूप में
  • खाद(Manure) के रूप में
  • मृदासुधारक (Soil conditioner) के रूप में किया जाता है।

🧾 संक्षेप में (In Short):

समूह

प्रमुख उदाहरण

विशेषताएँ

Liverworts (लिवरवर्ट्स)

Riccia, Marchantia

थैलस रूपी, जल में निषेचन, गैमिटोफाइट प्रमुख।

Mosses (मॉसेस)

Funaria, Sphagnum

दो गैमिटोफाइट अवस्थाएँ (प्रोटोनिमा और लीफी स्टेज), स्पोरोफाइट अधिक विकसित।

Sphagnum

पीट (Peat) बनाता है, जो ईंधन व खाद के रूप में उपयोगी है।

🌿 निष्कर्ष (Conclusion):

ब्रायोफाइट्स जैसे Marchantia, Funaria, Sphagnum सरल संरचना वाले,
बिना वाहिकीय ऊतक के, लेकिन पर्यावरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण पौधे हैं।
ये भूमि पर रहने वाले पौधों के उभयचर (Amphibians of Plant Kingdom) कहलाते हैं।

 

🌿 PTERIDOPHYTES (प्टेरिडोफाइट्स / फर्न पौधे)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  1. प्टेरिडोफाइट्सको पादप जगत के सर्प (Snakes of Plant Kingdom)” कहा जाता है,
    क्योंकि इनका शरीर भूमि पर फैला हुआ होता है और इनकी संरचना सर्प जैसी लगती है।
  2. येपहले ऐसे वाहिकीय पौधे (First vascular plants) हैं जिनमें बीज नहीं होते (Seedless plants)
  3. इनकामुख्य पौधा स्पोरोफाइट (Sporophyte) होता है,
    जो जड़, तना और पत्ती (Root, Stem, Leaves) में विभाजित होता है।
  4. तनाभूमिगत (Underground) होता है, जिसे राइजोम (Rhizome) कहा जाता है।
  5. इनमेंपीढ़ी परिवर्तन (Alternation of Generation) होता है —
    अर्थात् डिप्लॉइड स्पोरोफाइट (2n) बीजाणु बनाता है, और हैप्लॉइड गैमिटोफाइट (n) गैमेट बनाता है।
  6. इनकीसजावटी पत्तियों (Ornamental leaves) को फ्रॉन्ड्स (Fronds) कहा जाता है।

🔸 जनन के प्रकार (Types of Reproduction):

1️⃣ वनस्पतिक जनन (Vegetative reproduction)
2️⃣ अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) – बीजाणुओं (Spores) द्वारा
3️⃣ लैंगिक जनन (Sexual reproduction) – गैमेट्स (Gametes) के संयोग से

🌱 स्पोरोफाइट संरचना (Sporophyte Structure):

  • स्पोरोफाइट(Sporophyte) में स्पोरेंजिया (Sporangia) पाए जाते हैं,
    जो स्पोरोफिल्स (Sporophylls) नामक पत्तियों पर स्थित होते हैं।
  • स्पोरेंजिया(Sporangia) के अंदर मायोसिस (Meiosis) द्वारा बीजाणु (Spores) बनते हैं।
    ये बीजाणु अंकुरित होकर प्रोथैलस (Prothallus) नामक छोटा गैमिटोफाइट बनाते हैं।
  • स्पोरेंजियासमूह में सोरी (Sori) कहलाते हैं,
    जो पत्तियों (Sporophylls) के निचले भाग पर पाए जाते हैं।
  • एकसोरस (Sorus) के ऊपर इंड्यूसियम (Indusium) नामक झिल्ली होती है —
  • यदियह झिल्ली पत्ती से निकली हुई हो = True Indusium
  • यदियह पत्ती का मुड़ा हुआ किनारा हो = False Indusium

🍃 स्पोर्स के प्रकार (Types of Spores):

  • अधिकांशप्टेरिडोफाइट्स होमोस्पोरस (Homosporous) होते हैं —
    यानी सभी बीजाणु समान प्रकार के होते हैं।
  • कुछहेटरोस्पोरस (Heterosporous) होते हैं —
    इनमें दो प्रकार के बीजाणु बनते हैं —
  • मैक्रोस्पोर(Macrospore) → मादा (Female)
  • माइक्रोस्पोर(Microspore) → नर (Male)

Selaginella (सेलेजिनेला) — एक हेटरोस्पोरस प्टेरिडोफाइट है।
इसे क्लब मॉस (Club moss) या स्पाइक मॉस (Spike moss) कहा जाता है।

🌿 विशेष जैविक घटनाएँ (Special Biological Phenomena):

प्रक्रिया

विवरण

Apogamy (एपोगैमी)

बिना निषेचन (Fertilization) के गैमिटोफाइट से स्पोरोफाइट (n) का विकास।

Apospory (एपोसपोरी)

बिना मीओसिस के स्पोरोफाइट (2n) से गैमिटोफाइट का विकास।

🌾 महत्वपूर्ण उदाहरण (Important Examples):

नाम

सामान्य नाम (Common name)

Selaginella (सेलेजिनेला)

क्लब मॉस / स्पाइक मॉस

Dryopteris (ड्रायॉप्टेरिस)

मेल शील्ड फर्न (Male Shield Fern)

Adiantum (एडियंटम)

वॉकिंग फर्न / मेडन हेयर फर्न (Maiden Hair Fern)

Azolla (एजोला)

सबसे छोटा प्टेरिडोफाइट, एक जैव उर्वरक (Bio-fertilizer)

🪨 ऐतिहासिक महत्व (Historical Importance):

  • प्टेरिडोफाइट्सपैलियोजोइक युग (Palaeozoic Era) के
    कार्बोनिफेरस काल (Carboniferous Period) में अत्यधिक विकसित थे।
  • उससमय के विशाल फर्न पौधों के अवशेषों से
    कोयला (Coal) का निर्माण हुआ था।

🧾 संक्षेप में (In Short):

🌱 प्टेरिडोफाइट्स = पहले बीजरहित वाहिकीय पौधे
🔹 मुख्य पौधा = स्पोरोफाइट (2n)
🔹 जनन = स्पोर्स द्वारा (Asexual) तथा गैमेट्स द्वारा (Sexual)
🔹 उदाहरण = Selaginella, Adiantum, Dryopteris, Azolla
🔹 विशेष घटना = एपोगैमी (Apogamy) और एपोसपोरी (Apospory)
🔹 कोयले की उत्पत्ति = प्राचीन फर्न पौधों से।

🌲 GYMNOSPERMS (जिम्नोस्पर्म्स / अनावृतबीजी पौधे)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  1. जिम्नोस्पर्म्समें मध्यम या ऊँचे वृक्ष (Trees) तथा झाड़ियाँ (Shrubs) शामिल हैं।
    — उदाहरण: साइकस (Cycas), पाइनस (Pinus), गिंको (Ginkgo)
  2. इनपौधों में बीजांड (Ovule) किसी अंडाशय (Ovary) से ढके नहीं होते।
    → ये निषेचन से पहले और बाद में खुले (Exposed) रहते हैं।
    → इसलिए इन्हें “अनावृतबीजी पौधे (Naked seed plants)” कहा जाता है।
  3. येवाहिकीय पौधे (Vascular plants) हैं — अर्थात् इनमें जाइलम (Xylem) और फ्लोएम (Phloem) उपस्थित होते हैं।
  4. येबहुवर्षीय (Perennial) पौधे हैं और प्रायः शीत प्रदेशों (Colder regions) में पाए जाते हैं।

🌿 पत्तियाँ (Leaves):

  • पत्तियाँसरल (Simple) या संयुक्त (Compound) हो सकती हैं।
  • दोप्रकार की पत्तियाँ होती हैं —
    1️⃣ Foliage leaves (हरित पत्तियाँ)
    2️⃣ Scale leaves (स्केल पत्तियाँ)
  • पत्तियाँअत्यधिक कठोर परिस्थितियों (Extreme temperature, humidity, wind) के अनुकूल होती हैं।
  • Conifers(जैसे पाइनस) में सुई जैसी पत्तियाँ (Needle-like leaves) पाई जाती हैं —
    जो सतह क्षेत्र (Surface area) को कम करती हैं और जल की हानि (Water loss) को रोकती हैं।
  • इनकीपत्तियों पर मोटी क्यूटिकल (Thick cuticle) और धंसे हुए रंध्र (Sunken stomata) पाए जाते हैं।

🌾 प्रजनन (Reproduction):

  • येहेटरोस्पोरस (Heterosporous) होते हैं —
    यानी दो प्रकार के बीजाणु बनते हैं:
  • माइक्रोस्पोर(Microspore) → नर बीजाणु
  • मैक्रोस्पोर(Megaspore) → मादा बीजाणु
    • बीजाणुविशेष संरचनाओं में बनते हैं जिन्हें स्ट्रोबिलस (Strobilus) या कोन (Cone) कहा जाता है।
    • फूलअनुपस्थित (Flowers absent) होते हैं।
    • प्रत्येकबीजांड के चारों ओर तीन परतों वाला इंटीग्युमेंट (Integument) होता है।
    • इसकेअंदर न्यूकिलस (Nucellus) नामक ऊतक होता है, जो मेगास्पोरैंजियम (Megasporangium) के समान होता है।

🌱 गैमिटोफाइट (Gametophyte):

  • नरऔर मादा गैमिटोफाइट स्वतंत्र नहीं होते।
  • येस्पोरोफाइट (Sporophyte) के अंदर ही विकसित होते हैं।
  • मादागैमिटोफाइट में आर्किगोनियम (Archegonium) बनता है,
    परंतु इसमें नेक कैनाल सेल (Neck canal cell) अनुपस्थित होती है।
  • एंडोस्पर्म(Endosperm) यहाँ गैमिटोफाइटिक (2n) प्रकृति का होता है।

🌳 विशेष उदाहरण (Examples and Common Names):

नाम

सामान्य नाम / विशेषता

साइकस (Cycas)

सागो पाम (Sago Palm)

गिंको (Ginkgo)

“जीवित जीवाश्म (Living Fossil)”

सेक्वोया जाइगैन्टिका (Sequoia gigantica)

सबसे ऊँचा जिम्नोस्पर्म (Tallest Gymnosperm)

पाइनस गिरार्डियाना (Pinus girardiana)

चिलगोज़ा (Chilgoza)

रेडवुड (Redwood)

“फादर ऑफ़ द फ़ॉरेस्ट (Father of the Forest)”

 

🌸 ANGIOSPERMS (एंजियोस्पर्म्स / आवृतबीजी पौधे)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  1. एंजियोस्पर्म्समें बीज फल (Fruit) के अंदर बंद रहते हैं।
    इसलिए इन्हें आवृतबीजी पौधे (Enclosed seed plants) कहा जाता है।
  2. परागकण(Pollen grains) और बीजांड (Ovules) विशेष संरचनाओं फूलों (Flowers) में विकसित होते हैं।
    🌼 इसलिए इन्हें “फूल वाले पौधे (Flowering plants)” कहा जाता है।
  3. येसबसे विकसित (Highly evolved) पौधों का समूह हैं।

🌿 फूल की संरचना (Flower Structure):

  • फूलमें स्पोरोफिल्स (Sporophylls) सम्मिलित होते हैं —
    1️⃣ माइक्रोस्पोरोफिल (Microsporophyll) = पुंकेसर (Stamen)
    – दो भागों से मिलकर बना होता है — फिलामेंट (Filament) और एन्थर (Anther)
    2️⃣ मेगास्पोरोफिल (Megasporophyll) = स्त्रीकेसर / कार्पेल (Carpel)
    – इसमें स्टिग्मा (Stigma), स्टाइल (Style) और ओवरी (Ovary) शामिल हैं।
    – ओवरी के अंदर बीजांड (Ovules) होते हैं।

🌱 गैमिटोफाइट एवं निषेचन (Gametophyte & Fertilization):

  • मादागैमिटोफाइट = एंब्रायो सैक (Embryo sac)
    जो निषेचन से पहले 8-नाभिकीय अवस्था (8-nucleate stage) तक विकसित होती है।
  • आर्किगोनियम(Archegonium) अनुपस्थित होता है।
  • इसमेंकेवल एक अंडाणु (Oosphere) होता है,
    जिसके पास दो सहायक कोशिकाएँ (Synergids) होती हैं,
    जो पराग नली (Pollen tube) को आकर्षित करती हैं।
  • परागनली दो गैरचलायमान (Non-flagellate) नर गैमेट्स लाती है।

🌼 महत्वपूर्ण उदाहरण (Important Examples):

नाम

सामान्य नाम / विशेषता

रेडवुड वृक्ष (Redwood Tree)

“फ़ादर ऑफ़ द फ़ॉरेस्ट (Father of the Forest)”

साइकस (Cycas)

सागो पाम (Sago Palm)

पाइनस गिरार्डियाना (Pinus girardiana)

चिलगोज़ा (Chilgoza)

🧾 संक्षेप में (In Short):

विशेषता

जिम्नोस्पर्म्स

एंजियोस्पर्म्स

बीज की स्थिति

फल के बाहर (Naked seeds)

फल के अंदर (Enclosed seeds)

फूल

अनुपस्थित

उपस्थित

पत्तियाँ

सुई जैसी, कठोर

चौड़ी और रंगीन

गैमिटोफाइट

स्पोरोफाइट पर आश्रित

सूक्ष्म और सीमित

उदाहरण

साइकस, गिंको, पाइनस

गेहूँ, गुलाब, मक्का, आम

🌿 निष्कर्ष (Conclusion):

🌱 जिम्नोस्पर्म्स — पहले बीज वाले पौधे, परंतु फल रहित।
🌸 एंजियोस्पर्म्स — सबसे विकसित पौधे, फूल और फल वाले।

🦋 अध्याय 4 – जंतु जगत (Animal Kingdom)

🧬 जानवरों का वर्गीकरण (Classification of Animals)

जानवरों को निम्न आधारों पर वर्गीकृत किया जाता है —

1️⃣ संगठन का स्तर (Level of Organisation)

  • कोशिकीयस्तर (Cellular level)
  • ऊतकस्तर (Tissue level)
  • अंगस्तर (Organ level)
  • शरीरस्तर (Body level)

2️⃣ शरीर की सममिति (Body Symmetry)

  • असममित(Asymmetrical)
  • द्विपार्श्वसममित (Bilateral symmetry)
  • त्रिज्यासममित (Radial symmetry)

3️⃣ सीलोम (Coelom) की प्रकृति

  • कोएलोमयुक्त(Coelomate)
  • अकॉलोमयुक्त(Acoelomate)
  • छद्मकोएलोमयुक्त(Pseudocoelomate)

4️⃣ संवहनी तंत्र (Circulatory System)

  • खुला(Open type)
  • बंद(Closed type)

5️⃣ खंडन (Segmentation) — उपस्थित / अनुपस्थित

🧫 Phylum – Porifera (पोरीफेरा / स्पंज)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Characteristics):

  • कोशिकीयस्तर का संगठन (Cellular level of organisation)
  • शरीरमें छोटे छिद्र Ostia (ऑस्टिया) होते हैं, जिनसे जल अंदर प्रवेश करता है।
  • Spongocoel (स्पॉन्जोसील)— शरीर की केंद्रीय गुहा।
  • Osculum (ऑस्कुलम)— जल के बाहर निकलने का मार्ग।
  • जलपरिवहन तंत्र (Water canal system) — भोजन, श्वसन और उत्सर्जन में सहायक।
  • Choanocytes (Collar cells)— नालियों को रेखाबद्ध करते हैं।
  • Spicules औरSpongin fibers — शरीर का कंकाल बनाते हैं।
  • उभयलिंगी(Hermaphrodite) — नर और मादा प्रजनन अंग एक ही जीव में।
  • अलैंगिकजनन (Asexual reproduction) — खंडन (Fragmentation) द्वारा।
  • लैंगिकजनन (Sexual reproduction) — गैमीट निर्माण द्वारा।
  • निषेचनआंतरिक (Internal fertilization) और विकास अप्रत्यक्ष (Indirect development)।

🔸 उदाहरण:
Sycon (Scypha), Spongilla (मीठे जल का स्पंज), Euspongia (नहाने का स्पंज)।

🪸 Phylum – Coelenterata (Cnidaria / सीलैन्ट्रेटा)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • शरीरपर और टेन्टाकल्स में Cnidoblasts (Cnidocytes) नामक डंक मारने वाली कोशिकाएँ होती हैं,
    जिनमें Nematocysts (डंक कैप्सूल) पाए जाते हैं।
  • कार्य— रक्षा, भोजन पकड़ना, और स्थायित्व (Anchorage)।
  • Gastrovascular cavity— एक ही छिद्र वाला पाचन गुहा।
  • शरीरकी दो अवस्थाएँ —
    1️⃣ Polyp (पॉलिप) — स्थिर, बेलनाकार (जैसे Hydra, Adamsia)
    2️⃣ Medusa (मेडुसा) — मुक्त तैरने वाली, छत्राकार (जैसे Aurelia या Jellyfish)
  • Metagenesis— पीढ़ी परिवर्तन (Polyp → Medusa → Polyp)।

🔸 उदाहरण:
Hydra, Adamsia, Physalia (Portuguese man of war), Gorgonia (Sea fan), Meandrina (Brain coral)

🌊 Phylum – Ctenophora (सीटीनोफोरा / कोम्ब जेली)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • केवलसमुद्री जंतु (Marine animals)।
  • शरीरपर 8 कतारों में Comb plates (Ciliated plates) पाई जाती हैं,
    जो तैरने में सहायता करती हैं।
  • Bioluminescent (जैवप्रकाश उत्सर्जक) — अंधेरे में चमकते हैं।
  • केवललैंगिक जनन (Sexual reproduction) होता है।
  • निषेचनबाह्य (External fertilization) और विकास अप्रत्यक्ष (Indirect)।

🔸 उदाहरण:
Pleurobrachia, Ctenoplana

🪱 Phylum – Platyhelminthes (प्लैटीहेल्मिन्थीस / फ्लैटवर्म्स)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • समतल, द्विपार्श्वसममित, त्रिस्तरीय (Triploblastic) और Acoelomate
  • शरीरपतला और पत्तीनुमा।
  • Flame cells (ज्वालाकोशिकाएँ)— उत्सर्जन और अस्मोसाम्यनियमन (Osmoregulation) के लिए।
  • आंतरिकनिषेचन (Internal fertilization) और अप्रत्यक्ष विकास।
  • Planariaमें उच्च पुनरुत्पादन क्षमता (Regeneration capacity)।

🔸 उदाहरण:
Taenia (Tapeworm), Fasciola (Liver fluke)

🪰 Phylum – Aschelminthes (एसकेलमिन्थीस / राउंडवर्म्स)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • शरीरगोलाकार और द्विपार्श्व सममित।
  • पूर्णपाचन नली (Complete alimentary canal) होती है।
  • Muscular pharynxउपस्थित।
  • उत्सर्जन(Excretion) — एक नली (Excretory tube) और छिद्र (Pore) द्वारा।
  • अधिकांशप्रजातियाँ परजीवी (Parasitic) होती हैं।
  • मादानर से बड़ी होती है।

🔸 उदाहरण:
Ascaris (Roundworm), Wuchereria (Filarial worm)

🪶 Phylum – Annelida (ऐनेलिडा)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • शरीरखंडित (Segmented) और नरम होता है।
  • Longitudinal औरCircular muscles द्वारा गति करते हैं।
  • जलीयऐनेलिड्स (Aquatic annelids) जैसे Nereis में पार्श्व उपांग Parapodia पाए जाते हैं।
  • Closed circulatory system (बंदपरिसंचरण तंत्र)
  • Nephridia— उत्सर्जन और जल संतुलन (Osmoregulation) में सहायक।
  • Ganglia— तंत्रिका तंत्र के नियंत्रण केंद्र।
  • Dioecious (Nereis)और Monoecious (Earthworm, Leech) प्रजनन प्रकार।
  • Sexual reproduction (लैंगिकजनन)

🔸 उदाहरण:
Nereis, Pheretima (Earthworm), Hirudinaria (Leech)

🧬 Notochord (नोटोकॉर्ड):

  • यहएक लचीली छड़ी जैसी संरचना (Flexible rod-like structure) है,
    जो भ्रूण अवस्था में शरीर की पीठ की धुरी (Dorsal axis) के साथ पाई जाती है।
  • यहकशेरुक जीवों (Vertebrates) में बाद में रीढ़ की हड्डी (Vertebral column) से प्रतिस्थापित हो जाती है।
  • Chordates= वे जीव जिनमें नोटोकॉर्ड पाई जाती है।

🦐 Phylum – Arthropoda (आर्थ्रोपोडा / संयुक्तपाद)

🔹 मुख्य विशेषताएँ (Main Characteristics):

  • परिसंचरणतंत्र (Circulatory system): खुला प्रकार (Open type)।
  • संवेदीअंग (Sensory organs):
  • एंटीना(Antennae)
  • आँखें— संयुक्त (Compound) और साधारण (Simple)
  • संतुलनअंग (Statocysts)
    • उत्सर्जनअंग (Excretory organ): मलपिजियन नलिकाएँ (Malpighian tubules)।
    • शरीरखंडित (Segmented) और बाह्य कंकाल (Exoskeleton) चिटिन का बना होता है।

🔸 महत्वपूर्ण उदाहरण (Examples):

श्रेणी

उदाहरण

विशेषता

आर्थिक रूप से उपयोगी (Economically important)

Apis (मधुमक्खी), Bombyx (रेशमकीट), Laccifer (लाख कीट)

शहद, रेशम और लाख उत्पादन

रोग वाहक (Vectors)

Anopheles, Culex, Aedes

मलेरिया, फिलेरिया, डेंगू के वाहक

सामूहिक कीट (Gregarious pest)

Locusta (टिड्डी)

फसलों का विनाशक

जीवित जीवाश्म (Living fossil)

Limulus (किंग क्रैब)

पृथ्वी के सबसे पुराने जीवों में से एक

🐚 Phylum – Mollusca (मोलस्का / शंखधारी)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • द्विपार्श्वसममित (Bilateral symmetry), त्रिस्तरीय (Triploblastic), कोएलोमेट (Coelomate)।
  • शरीरमुलायम (Soft-bodied), काइटिनस खोल (Calcareous shell) से ढका होता है।
  • शरीरतीन भागों में विभाजित —
    1️⃣ सिर (Head)
    2️⃣ पाद (Foot) – गमन में सहायक
    3️⃣ आंतकोष्ठ (Visceral mass) – आंतरिक अंगों का समूह
  • परिसंचरणप्रणाली – खुला (Open type)।

🔸 उदाहरण:
Pila (सेब घोंघा), Pinctada (मोती सीपी), Sepia (कटलफिश), Loligo (स्क्विड), Octopus (डेविल फिश), Aplysia (सीहेयर), Dentalium (टस्क शैल), Chiton (चाइटन)

⭐ Phylum – Echinodermata (एकोनोडर्मेटा / कांटेदार त्वचा वाले जीव)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • शरीरपर कांटेदार त्वचा (Spiny body) और कैल्शियम के कंकाल (Calcareous ossicles) होते हैं।
  • द्विपार्श्वीयलार्वा (Larva) लेकिन वयस्क अवस्था में त्रिज्या सममिति (Radial symmetry)।
  • त्रिस्तरीय, कोएलोमेटऔर अंग-प्रणाली स्तर पर संगठित।
  • पाचनतंत्र पूर्ण (Mouth ventral side, Anus dorsal side)।
  • लैंगिकजनन (Sexual reproduction), लिंग अलग-अलग (Dioecious)।
  • विकासअप्रत्यक्ष (Indirect development)।

🔸 उदाहरण:
Asterias (स्टारफिश), Echinus (सी अर्चिन), Antedon (सी लिली), Cucumaria (सी ककड़ी), Ophiura (ब्रिटल स्टार)

🪱 Phylum – Hemichordata (हेमिकॉर्डेटा)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • पहलेNon-chordata माना जाता था।
  • इनकीकॉलर क्षेत्र (Collar region) में Stomochord नामक रचना होती है, जो Notochord के समान होती है।
  • द्विपार्श्वसममित, त्रिस्तरीय और कोएलोमेट जीव।
  • लिंगपृथक (Dioecious), निषेचन बाह्य (External fertilization), विकास अप्रत्यक्ष (Indirect development)।

🔸 उदाहरण:
Balanoglossus, Saccoglossus

🐟 Phylum – Chordata (कॉर्डेटा / रीढ़धारी जीव)

🔹 मुख्य लक्षण (Main Features):

1️⃣ नोटोकॉर्ड (Notochord) – भ्रूण अवस्था में पाई जाती है।
2️⃣ पीठीय तंत्रिका रज्जु (Dorsal nerve cord)
3️⃣ ग्रसनी गिल छिद्र (Pharyngeal gill slits)
4️⃣ पश्चपुच्छ (Post-anal tail)

🔸 Chordata के तीन उपसंघ (Subphyla):

उपसंघ

विवरण

उदाहरण

Urochordata (Tunicata)

नोटोकॉर्ड केवल लार्वा की पूँछ में पाया जाता है।

Ascidia, Salpa, Doliolum

Cephalochordata

नोटोकॉर्ड सिर से पूँछ तक जीवनभर उपस्थित रहता है।

Branchiostoma (Amphioxus / Lancelet)

Vertebrata

वयस्क अवस्था में नोटोकॉर्ड रीढ़ की हड्डी से प्रतिस्थापित।

सभी रीढ़धारी जीव

🐠 Class – Cyclostomata (वृत्तमुखी मछलियाँ / Circular mouthed fishes)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • परजीवी(Ectoparasites) मछलियाँ।
  • मुखगोलाकार और जबड़ों (Jaws) के बिना होता है।
  • शरीरपर स्केल नहीं, गिल छिद्र (Gill slits) से श्वसन।
  • कपाल(Cranium) और रीढ़ (Vertebral column) उपास्थिजन्य (Cartilaginous)।
  • परिसंचरणतंत्र बंद प्रकार का (Closed type)।
  • समुद्री(Marine) होते हैं, किंतु अंडे देने (Spawning) के लिए मीठे जल में प्रवास करते हैं।
  • लार्वारूपांतरण (Metamorphosis) के बाद समुद्र लौटता है।

🔸 उदाहरण:
Petromyzon (Lamprey), Myxine (Hagfish)

🦈 Class – Chondrichthyes (कार्टिलेजिनस मछलियाँ / Cartilaginous fishes)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • केवलसमुद्री (Marine), शरीर स्ट्रीमलाइन्ड (Streamlined)
  • अंतःकंकाल(Endoskeleton) उपास्थि (Cartilage) का बना होता है।
  • त्वचापर सूक्ष्म प्लैकोइड स्केल्स (Placoid scales) होते हैं।
  • गिलछिद्र अलगअलग और ऑपर्कुलम नहीं होता।
  • शक्तिशालीजबड़े (Strong jaws) — अधिकांश शिकारी (Predatory) होते हैं।
  • एयरब्लैडर अनुपस्थित, इसलिए डूबने से बचने हेतु लगातार तैरते रहते हैं।
  • हृदयदो कोष्ठीय (Two-chambered heart), शीत रक्ती (Cold-blooded)
  • आंतरिकनिषेचन (Internal fertilization), कई Viviparous (जीवज)
  • Torpedoमें विद्युत अंग (Electric organ), Trygon में विष डंक (Poison sting)।

🔸 उदाहरण:
Scoliodon (Dogfish), Carcharodon (Great white shark)

🐡 Class – Osteichthyes (अस्थिमय मछलियाँ / Bony fishes)

🔹 मुख्य विशेषताएँ:

  • अस्थिमयअंतःकंकाल (Bony endoskeleton)
  • शरीरस्ट्रीमलाइन्ड, चार जोड़ी गिल्स जो ऑपर्कुलम (Operculum) से ढकी होती हैं।
  • त्वचापर स्केल्स (Scales), एयर ब्लैडर (Air bladder) उपस्थित (तैरने में सहायक)।
  • हृदयदो कोष्ठीय, शीत रक्ती (Cold-blooded)
  • लिंगपृथक (Dioecious), बाह्य निषेचन (External fertilization), अंडज (Oviparous),
    प्रत्यक्ष विकास (Direct development)

🔸 उदाहरण:

प्रकार

उदाहरण

समुद्री (Marine)

Hippocampus (Sea horse), Exocoetus (Flying fish)

मीठे जल के (Fresh water)

Labeo (Rohu), Catla, Clarias (Magur)

🧾 संक्षेप में सारांश (Summary Table):

संघ (Phylum)

विशेषताएँ

उदाहरण

Arthropoda

संयुक्त पैर, खुला रक्त परिसंचरण, Malpighian नलिकाएँ

मधुमक्खी, मच्छर, टिड्डी, किंग क्रैब

Mollusca

मुलायम शरीर, सिर-पाद, खोलयुक्त

घोंघा, मोती सीपी, ऑक्टोपस

Echinodermata

कांटेदार त्वचा, जल तंत्र, लिंग पृथक

स्टारफिश, सी अर्चिन

Hemichordata

आंशिक नोटोकॉर्ड जैसी संरचना

बैलानोग्लॉसस

Chordata

नोटोकॉर्ड, रीढ़धारी, गिल स्लिट्स

सभी रीढ़धारी जीव

🍄 Kingdom Fungi / कवक साम्राज्य 

🔹 1. Introduction / परिचय:

Fungi are eukaryotic, heterotrophic, and non-green organisms.
कवक यूकैरियोटिक, परपोषी तथा बिना हरितलवक वाले जीव होते हैं।
They absorb food from decaying organic matter (saprophytic).
ये अपना भोजन सड़तेगले पदार्थों से अवशोषित करते हैं।

🔹 2. Cell Structure / कोशिका संरचना:

  • Their cell wallis made of chitin (काइटिन से बनी होती है)।
  • They may be unicellular (एककोशिकीय)like Yeast, or multicellular (बहुकोशिकीय) like Mushroom and Rhizopus.

🔹 3. Mode of Nutrition / पोषण का प्रकार:

Fungi are heterotrophic – they cannot make their own food.
कवक परपोषी होते हैं — ये अपना भोजन स्वयं नहीं बना सकते।
Types of nutrition:

  • Saprophytic (सैप्रोफाइटिक)– from dead matter (e.g., Rhizopus)
  • Parasitic (परजीवी)– from living host (e.g., PucciniA.
  • Symbiotic (सहजीवी)– e.g., Lichens (fungus + algae)

🔹 4. Reproduction / प्रजनन:

Fungi reproduce by spores (बीजाणुओं द्वारा) – asexual, sexual and vegetative reproduction all occur.
कवक बीजाणुओं द्वारा प्रजनन करते हैं – इनमें अलैंगिक, लैंगिक व वनस्पति प्रजनन होता है।

🔹 5. Body Structure / शरीर संरचना:

  • Body is made of thread-like structures called hyphae(हाइफ़ी)।
  • Many hyphae together form mycelium(माइसिलियम)।

🔹 6. Classification / वर्गीकरण:

फंगस के मुख्य समूह:

  1. फाइकोमाइसिटीज– जैसे, राइजोपस, म्यूकोर
  2. एस्कोमाइसिटीज– जैसे, यीस्ट, न्यूरोस्पोरा
  3. बेसिडिओमाइसिटीज– जैसे, मशरूम, एगेरिकस, पक्सीनिया
  4. ड्यूटेरोमाइसिटीज– जैसे, अल्टरनेरिया, कोलेटोट्राइकम

🔹 7. Economic Importance / आर्थिक महत्व:

फायदेमंद फंगस:

  • यीस्ट→ अल्कोहलफर्मेंटेशन
  • पेनिसिलियम→ एंटीबायोटिक
  • मशरूम→ भोजन

 हानिकारक फंगस:

  • पक्सीनिया→ गेहूंमें रस्ट रोग
  • एस्परगिलस→ भोजनखराब होना

🧠 In Short / सारांश में:

Fungi are non-green eukaryotic organisms having chitin cell wall,
reproduce by spores, and show saprophytic or parasitic nutrition.
कवक ऐसे यूकैरियोटिक जीव हैं जिनमें हरितलवक नहीं होता,
काइटिनयुक्त कोशिका भित्ति होती है और ये बीजाणुओं द्वारा प्रजनन करते हैं।

🧫 प्रोटिस्टा साम्राज्य (Kingdom ProtistA. –

  1. परिचय(Introduction):
    प्रोटिस्टा एक एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीवों का समूह है।
    इन जीवों में सच्चा नाभिक (true nucleus) और झिल्ली-बद्ध अंगक (membrane-bound organelles) पाए जाते हैं।
  2. निवास(Habitat):
    अधिकांश प्रोटिस्टा जलीय ( होते हैं — या तो मीठे पानी में या समुद्री जल में रहते हैं।
  3. कोशिकाप्रकार (Cell Type):
    ये एककोशिकीय (unicellular) या कालोनी बनाने वाले (colonial) जीव होते हैं।
  4. पोषणका प्रकार (Mode of Nutrition):
  • कुछस्वपोषी ( – जैसे Euglena, Diatoms (प्रकाश संश्लेषण करते हैं)।
  • कुछपरपोषी ( – जैसे Amoeba, Paramecium (भोजन को निगलते हैं)।
    1. प्रजनन(Reproduction):
      अधिकांश प्रोटिस्टा अलैंगिक (asexual) तरीके से द्विखंडन (binary fission) द्वारा प्रजनन करते हैं।
    2. मुख्यसमूह (Major Groups):
  • Protozoa (प्रोटोजोआ)– जानवरों जैसे प्रोटिस्टा (g., Amoeba, Paramecium)
  • Chrysophytes (क्रिसोफाइट्स)– जैसे Diatoms, Desmids
  • Dinoflagellates (डाइनोफ्लैजलेट्स)– जैसे Gonyaulax
  • Euglenoids (यूग्लीनोइड्स)– जैसे Euglena
  • Slime Moulds (स्लाइममोल्ड्स) – कवक जैसे प्रोटिस्टा

प्रोटिस्टा = “सभी एककोशिकीय यूकैरियोटिक जीव”
→ जिनमें सच्चा नाभिक होता है
→ जो जल में रहते हैं
→ और पौधों, जानवरों व कवक जैसे गुण प्रदर्शित करते हैं।

🦠 Kingdom Protista (प्रोटिस्टा जगत)

🐟 Kingdom Animalia – Phylum Chordata (पशु जगत संघ कशेरुकी)

🧬 Definition / परिभाषा:

Animals having notochord, dorsal hollow nerve cord, and pharyngeal gill slits at some stage of life are called Chordates.
जिन जीवों के शरीर में जीवन के किसी चरण में नोटोकोर्ड, पृष्ठीय खोखली तंत्रिका रज्जु और गिल स्लिट्स उपस्थित होती हैं, उन्हें कशेरुकी (Chordates) कहा जाता है।

🔹 Characteristics of Chordates / कशेरुकियों की विशेषताएँ:

  1. Presence of notochord(कशेरुका रज्जु)
  2. Dorsal hollow nerve cordpresent (पृष्ठीय खोखली तंत्रिका रज्जु होती है)
  3. Paired gill slitsat least in embryonic stage (गिल स्लिट्स भ्रूण अवस्था में होती हैं)
  4. Post-anal tailpresent (गुदा के पीछे पूंछ होती है)
  5. Bilateral symmetry, triploblastic, and coelomate
  6. Organ-system levelof organization

🔸 Subphyla of Chordata / कशेरुकियों के उपसंघ:

  1. Urochordata (ट्यूनिकाटा)– Notochord only in larval tail.
    Example: Ascidia, Salpa
    👉 Found in marine water (समुद्री)।
  2. Cephalochordata (सेफलोकॉर्डाटा)– Notochord extends throughout life and body length.
    Example: Branchiostoma (Amphioxus or Lancelet)
  3. Vertebrata (कशेरुकी)– Notochord replaced by vertebral column (backbone).
    Example: Fish, Frog, Birds, Mammals

🧍‍♂️ Subphylum Vertebrata Classes (उपसंघ कशेरुकी की कक्षाएँ)

🐟 1. Class – Pisces (मछलियाँ / Fish)

Habitat: Aquatic / जलीय
Body covering: Scales / शल्क
Respiration: By gills / गलफड़ों से
Heart: 2 chambers (auricle + ventricle)
Fertilization: Mostly external / बाह्य
Cold-blooded (Poikilothermic)
Examples: Labeo (Rohu), Catla, Shark, Dogfish
🧠 Special feature: Streamlined body for swimming / तैरने के लिए धाराप्रवाह शरीर

🐸 2. Class – Amphibia (उभयचर / Amphibians)

Habitat: Live both on land & water / भूमि और जल दोनों पर रहते हैं
Body covering: Moist skin without scales / गीली त्वचा, बिना शल्क
Respiration: By gills, lungs & skin / गलफड़े, फेफड़े और त्वचा से
Heart: 3 chambers / तीन कक्षीय
Fertilization: External
Cold-blooded
Examples: Frog (मेंढक), Toad (भेक)
🧠 Special feature: First vertebrates to live on land / भूमि पर आने वाले पहले कशेरुकी

🐍 3. Class – Reptilia (सरीसृप / Reptiles)

Habitat: Mostly terrestrial / स्थलीय
Body covering: Dry skin with scales / सूखी त्वचा, शल्कयुक्त
Respiration: By lungs only / केवल फेफड़ों से
Heart: 3 chambers (except crocodile – 4 chambers)
Fertilization: Internal / आंतरिक
Cold-blooded
Examples: Lizard, Snake, Crocodile, Turtle
🧠 Special feature: Cleidoic (shelleD. eggs / कठोर खोल वाले अंडे

🐦 4. Class – Aves (पक्षी / Birds)

Habitat: Aerial and terrestrial / आकाशीय और स्थलीय
Body covering: Feathers / पंख
Forelimbs: Modified into wings / पंखों में परिवर्तित
Respiration: By lungs with air sacs / फेफड़ों व वायु थैलियों से
Heart: 4 chambers
Fertilization: Internal, Oviparous (lay eggs)
Warm-blooded (Homeothermic)
Examples: Crow, Sparrow, Parrot, Pigeon, Ostrich
🧠 Special feature: Bones hollow (pneumatic bones) for flight / उड़ान हेतु खोखली हड्डियाँ

🐈 5. Class – Mammalia (स्तनधारी / Mammals)

Habitat: Mostly terrestrial, some aquatic / अधिकांश स्थलीय, कुछ जलीय
Body covering: Hair / बाल
Respiration: Lungs / फेफड़ों से
Heart: 4 chambers
Fertilization: Internal / आंतरिक
Warm-blooded
Special organs: Mammary glands for milk / स्तन ग्रंथियाँ
Reproduction: Viviparous (give birth to young ones) / शिशु जन्म देते हैं
Examples: Human, Cow, Dog, Whale, Bat
🧠 Special feature: Presence of diaphragm / डायफ्राम की उपस्थिति

🧾 Summary Table (सारणी):

Class

Body Covering

Heart Chambers

Respiration

Blood Type

Fertilization

Example

Pisces

Scales

2

Gills

Cold-blooded

External

Fish, Shark

Amphibia

Moist skin

3

Gills & Lungs

Cold-blooded

External

Frog, Toad

Reptilia

Dry scales

3 (4 in Crocodile)

Lungs

Cold-blooded

Internal

Snake, Lizard

Aves

Feathers

4

Lungs + Air sacs

Warm-blooded

Internal (Eggs)

Crow, Pigeon

Mammalia

Hair

4

Lungs

Warm-blooded

Internal (Live birth)

Human, Cow

🧠 Key Difference Between Chordates & Non-Chordates / कशेरुकी और अकशेरुकी में अंतर

Feature

Non-Chordate (अकशेरुकी)

Chordate (कशेरुकी)

Notochord

Absent / नहीं होती

Present / होती है

Nerve cord

Ventral, solid

Dorsal, hollow

Gill slits

Absent

Present

Heart position

Dorsal

Ventral

Example

Insect, Mollusc

Fish, Frog, Human

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page