भौतिक विज्ञान
Unit -11
Force and Mechanics- Unit system, fundamental and derived units, dimensions of physical quantities, significant figures, distance, displacement, speed, velocity, acceleration, equations of uniformly accelerated motion, laws of motion, momentum, conservation of momentum, impulse, static and kinetic friction, circular motion and centripetal force, work,
energy, power, kinetic and potential energy, law of conservation of energy, work-energy theorem, universal law of gravitation, acceleration due to gravity.
बल एवं यांत्रिकी – मात्रक पद्धति, मूल एवं व्युत्पन्न मात्रक, भौतिक राशियों की विमा, सार्थक अंक, दूरी, विस्थापन, चाल, वेग, त्वरण, एकसमान त्वरित गति के समीकरण, गति के नियम, संवेग, संवेग संरक्षण, आवेग, स्थैतिक एवं गतिक घर्षण, वृतीय गति एवं अभिकेन्द्री बल, कार्य, ऊर्जा, शक्ति, गतिज व स्थितिज ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण का नियम, कार्य-ऊर्जा प्रमेय, गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम, गुरुत्वीय त्वरण |
Force and Mechanics (बल एवं यांत्रिकी)
- Unit System (मात्रकपद्धति)
- Fundamental and Derived Units (मूलएवं व्युत्पन्न मात्रक)
- Dimensions of Physical Quantities (भौतिकराशियों की विमा)
- Significant Figures (सार्थकअंक)
- Distance and Displacement (दूरीऔर विस्थापन)
- Speed and Velocity (चालऔर वेग)
- Acceleration (त्वरण)
- Equations of Uniformly Accelerated Motion (एकसमानत्वरित गति के समीकरण)
- Laws of Motion (गतिके नियम)
- Momentum and Conservation of Momentum (संवेगऔर संवेग संरक्षण)
- Impulse (आवेग)
- Static and Kinetic Friction (स्थैतिकएवं गतिक घर्षण)
- Circular Motion and Centripetal Force (वृतीयगति एवं अभिकेन्द्री बल)
- Work (कार्य)
- Energy and Power (ऊर्जाएवं शक्ति)
- Kinetic and Potential Energy (गतिजएवं स्थितिज ऊर्जा)
- Law of Conservation of Energy (ऊर्जासंरक्षण का नियम)
- Work-Energy Theorem (कार्य–ऊर्जाप्रमेय)
- Universal Law of Gravitation (गुरुत्वाकर्षणका सार्वत्रिक नियम)
- Acceleration due to Gravity (गुरुत्वीयत्वरण)
1. Unit System (मात्रक पद्धति) -:
मात्रक पद्धति (System of Units): मात्रक पद्धति उन मानकों का समूह है जिसका उपयोग भौतिक राशियों को मापने और व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
- Fundamental and Derived Units (मूलएवंव्युत्पन्न मात्रक) -:
- मूलमात्रक (Fundamental Units):
ये ऐसे मात्रक हैं जो स्वतंत्र होते हैं और किसी अन्य मात्रक से व्युत्पन्न नहीं होते।
- उदाहरण:
- लंबाई(Length) का मात्रक: मीटर (Meter, m)।
- द्रव्यमान(Mass) का मात्रक: किलोग्राम (Kilogram, kg)।
- समय(Time) का मात्रक: सेकंड (Second, s)।
- विद्युतधारा (Electric Current) का मात्रक: एम्पीयर (Ampere, A)।
- तापमान(Temperature) का मात्रक: केल्विन (Kelvin, K)।
- पदार्थकी मात्रा (Amount of Substance) का मात्रक: मोल (Mole, mol)।
- ज्योतितीव्रता (Luminous Intensity) का मात्रक: कैंडेला (Candela, cd)।
- व्युत्पन्नमात्रक (Derived Units): ये ऐसे मात्रक हैं जो मूल मात्रकों के संयोजन से बनाए जाते हैं।
- उदाहरण:
- वेग(Velocity): मीटर प्रति सेकंड (m/s)।
- त्वरण(Acceleration): मीटर प्रति सेकंड वर्ग (m/s2)।
- बल(Force): न्यूटन (N=kg⋅m/s2)।
- ऊर्जा(Energy): जूल (J=kg⋅m2)।
- शक्ति(Power): वाट (W=J/s)।
मात्रक प्रणालियाँ (Systems of Units): दुनिया में विभिन्न मात्रक प्रणालियाँ हैं जो मापन में उपयोग की जाती हैं।
- MKS पद्धति(Meter-Kilogram-Second):
- लंबाई: मीटर(m)।
- द्रव्यमान: किलोग्राम(kg)।
- समय: सेकंड(s)।
- यहसबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली पद्धति है।
- CGS पद्धति(Centimeter-Gram-Second):
- लंबाई: सेंटीमीटर
- द्रव्यमान: ग्राम(g)।
- समय: सेकंड(s)।
- FPS पद्धति(Foot-Pound-Second):
- लंबाई: फुट(ft)।
- द्रव्यमान: पाउंड(lb)।
- समय: सेकंड(s)।
- SI पद्धति(International System of Units):
- इसे1960 में अंतरराष्ट्रीय मानक के रूप में अपनाया गया।
- यहMKS प्रणाली का ही एक विस्तारित रूप है।
मात्रकों की विशेषताएं:
- मानकता(Standardization): मापन का आधार सभी के लिए एक समान होना चाहिए।
- स्थायित्व(Durability): मात्रक लंबे समय तक बिना बदले उपयोगी रहें।
- प्रत्यावर्तन(Reproducibility): मात्रक को किसी भी स्थान और समय पर दोहराया जा सके।
मात्रक रूपांतरण (Unit Conversion):
भिन्न मात्रक प्रणालियों के बीच परिवर्तन:
- 1 m=100 cm=1000 mm
- 1 kg=1000 g
- 1 N=10^5 dynes
सारांश:
मूल मात्रक स्वतंत्र होते हैं और भौतिक राशियों के लिए आधार प्रदान करते हैं, जबकि व्युत्पन्न मात्रक इनसे बनाए जाते हैं। SI प्रणाली आज सबसे मानकीकृत और व्यापक रूप से स्वीकृत मात्रक पद्धति है।
3 भौतिक राशियों की विमा (Dimensions of Physical Quantities):–
विमा (Dimension):
भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों (जैसे, द्रव्यमान, लंबाई, समय) की शक्तियों का उपयोग किया जाता है। इन शक्तियों को विमा कहा जाता है।
विमा का महत्व:
- भौतिकसमीकरणों की शुद्धता की जाँच।
- विभिन्नभौतिक राशियों की तुलना।
- नईराशियों की खोज।
- इकाइयोंका निर्धारण।
विमा का स्वरूप (Dimensional Formula):
भौतिक राशियों को मूल मात्रकों M (द्रव्यमान), L (लंबाई), T (समय) के रूप में लिखा जाता है।
- द्रव्यमान(Mass): [M]
- लंबाई(Length): [L]
- समय(Time): [T]
अन्य मूल मात्रक:
- विद्युतधारा (Electric Current): [A]
- तापमान(Temperature): [K]
- पदार्थकी मात्रा (Amount of Substance): [mol]
- ज्योतितीव्रता (Luminous Intensity): [cd]
भौतिक राशियों की विमा (Dimensions of Physical Quantities):
विमा (Dimension):
भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों (जैसे, द्रव्यमान, लंबाई, समय) की शक्तियों का उपयोग किया जाता है। इन शक्तियों को विमा कहा जाता है।
विमा का महत्व:
- भौतिकसमीकरणों की शुद्धता की जाँच।
- विभिन्नभौतिक राशियों की तुलना।
- नईराशियों की खोज।
- इकाइयोंका निर्धारण।
विमा का स्वरूप (Dimensional Formula):
भौतिक राशियों को मूल मात्रकों MM (द्रव्यमान), LL (लंबाई), TT (समय) के रूप में लिखा जाता है।
- द्रव्यमान(Mass): [M]
- लंबाई(Length): [L]
- समय(Time): [T]
अन्य मूल मात्रक:
- विद्युतधारा (Electric Current): [A]
- तापमान(Temperature): [K]
- पदार्थकी मात्रा (Amount of Substance): [mol]
- ज्योतितीव्रता (Luminous Intensity): [cd]
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- संगतताका नियम (Principle of Homogeneity):
किसी भी सही भौतिक समीकरण में, बाईं और दाईं ओर की विमाएँ समान होनी चाहिए।
[बाएँ पक्ष]=[दाएँ पक्ष ]
विमीय स्थिरांक (Dimensional Constants):
वे स्थिरांक जिनकी कोई विमा होती है।
- उदाहरण: गुरुत्वीयस्थिरांक G, गतिक चिपचिपाहट (Dynamic Viscosity)।
- विमाहीनराशियाँ (Dimensionless Quantities):
ऐसी राशियाँ जिनकी कोई विमा नहीं होती।
- विमाहीनराशियाँ (Dimensionless Quantities):
- उदाहरण: कोण, आपेक्षिकघनत्व (Relative Density), गतिक गुणांक (Reynolds Number)।
4. सार्थक अंक (Significant Figures):
परिभाषा:
सार्थक अंक वह अंक होते हैं जो किसी माप में वास्तविक जानकारी प्रदान करते हैं। इन अंकों में केवल वे अंक होते हैं जो माप के परिणाम में किसी निश्चितता को दर्शाते हैं। सार्थक अंकों की गिनती से हम यह पता कर सकते हैं कि किसी माप की कितनी सटीकता है।
सार्थक अंक माप और गणना की सटीकता का मापन करने का एक महत्वपूर्ण साधन हैं। यह सुनिश्चित करता है कि वैज्ञानिक प्रक्रियाएँ त्रुटियों से मुक्त और सटीक हों।
सार्थक अंकों के नियम (Rules of Significant Figures):
- गैर–शून्यअंक हमेशा सार्थक होते हैं:
- जैसे45 मेंसभी अंक (1, 2, 3, 4, 5) सार्थक हैं।
- शून्यके अलावा अन्य सभी अंक सार्थक होते हैं।
उदाहरण:
- शून्यके अलावा अन्य सभी अंक सार्थक होते हैं।
- 123: इसमेंतीन सार्थक अंक हैं।
- 67: इसमेंचार सार्थक अंक हैं।
- दशमलवबिंदु के बाईं ओर वाले शून्य (Leading Zeros) सार्थक नहीं होते।
उदाहरण:
- दशमलवबिंदु के बाईं ओर वाले शून्य (Leading Zeros) सार्थक नहीं होते।
- 0032: इसमेंदो सार्थक अंक (3 और 2) हैं।
- 000056: इसमेंदो सार्थक अंक (5 और 6) हैं।
- दशमलवके बाद और गैर–शून्य अंकों के बीच के शून्य सार्थक होते हैं।
उदाहरण:
- दशमलवके बाद और गैर–शून्य अंकों के बीच के शून्य सार्थक होते हैं।
- 005: इसमेंचार सार्थक अंक (2,0,0, 5) हैं।
सार्थक अंकों का महत्व (Importance of Significant Figures):
- मापकी सटीकता और परिशुद्धता को व्यक्त करना।
- वैज्ञानिकगणनाओं में त्रुटियों को कम करना।
- प्रयोगोंके परिणामों की विश्वसनीयता को बढ़ाना।
. सदिश और अदिश राशियाँ -: जिस भौतिक राशि में मात्रा (परिमाण) तथा दिशा दोनो निहित होते हैं उन्हें सदिश राशि कहते हैं। सदिश राशियों के उदाहरण हैं – वेग, बल, संवेग इत्यादि। जिन राशियों में केवल परिमाण होता है उन्हें अदिश राशि कहते हैं, जैसे – चाल, दूरी, द्रव्यमान, आयतन, ताप, समय इत्यादि।
5. Distance and Displacement (दूरी और विस्थापन) -:
दूरी (Distance):
परिभाषा:
दूरी किसी वस्तु द्वारा तय किए गए कुल पथ की लंबाई है। यह एक अदिश राशि (scalar quantity) है, जो केवल परिमाण (magnitude) को दर्शाती है।
विस्थापन (Displacement):
परिभाषा:
विस्थापन किसी वस्तु की प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच न्यूनतम सीधी दूरी है।
यह एक सदिश राशि (vector quantity) है, जिसमें दिशा और परिमाण दोनों शामिल होते हैं
गति motion -: कई प्रकार होते हैं, जैसे कि रेखीय गति, वृत्ताकार गति, घूर्णी गति, आवर्ती गति, दोलनी गति, अनियमित गति, यादृच्छिक गति, प्रक्षेप्य गति, कंपन गति. There are many types of motion, such as linear motion, circular motion, rotational motion, periodic motion, oscillatory motion, irregular motion, random motion, projectile motion, vibratory motion and so on.
गति के प्रकार:
रेखीय गति linear motion
जब कोई वस्तु सीधी रेखा में गति करती है, तो इसे रेखीय गति कहते हैं. When an object moves in a straight line, it is called linear motion.
वृत्ताकार गति Circular motion
जब कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर गति करती है, तो इसे वृत्ताकार गति कहते हैं. When an object moves in a circular path, it is called circular motion.
घूर्णी गति rotational motion
जब कोई वस्तु अपने से गुज़रने वाली एक निश्चित अक्ष के चारों ओर घूमती है, तो इसे घूर्णी गति कहते हैं.
When an object rotates around a fixed axis passing through it, it is called rotational motion.
आवर्ती गति. periodic motion
जब कोई गति निश्चित समय अंतराल के बाद स्वयं को दोहराती है, तो इसे आवर्ती गति कहते हैं. हैंWhen a motion repeats itself after a fixed interval of time, it is called periodic motion
दोलनी गति Oscillatory motion
जब कोई वस्तु किसी निश्चित बिंदु के आगे-पीछे या ऊपर-नीचे गति करती है, तो इसे दोलनी गति कहते हैं. When an object moves back and forth or up and down about a fixed point, it is called oscillatory motion.
अनियमित गति Irregular motion
जब कोई वस्तु अपनी गति की दिशा अनियमित रूप से बदलती रहती है, तो इसे अनियमित गति कहते.
When an object keeps changing its direction of motion irregularly, it is called irregular motion. .
कंपन गति Vibration speed
कंपन एक यांत्रिक घटना है जिसमें कंपन केवल एक संतुलन बिंदु पर होता है. Vibration is a mechanical phenomenon in which the vibration occurs only at an equilibrium point
प्रक्षेप्य गति projectile motion
जब किसी कण को पृथ्वी की सतह के निकट स्पर्शरेखीय रूप से प्रक्षेपित किया जाता है, तो यह पृथ्वी के केंद्र की ओर एकसमान त्वरण के साथ एक घुमावदार पथ का अनुसरण करता है. When a particle is projected tangentially near the surface of the earth, it follows a curved path with uniform acceleration towards the centre of the earth.
.6. Speed and Velocity (चाल और वेग) -:
- गति Speed- : किसी भी दिशा में किसी वस्तु की स्थिति में परिवर्तन की दर।
गति को दूरी और तय की गई दूरी के समय के अनुपात के रूप में मापा जाता है। गति एक अदिश राशि है क्योंकि इसमें केवल दिशा होती है और कोई परिमाण नहीं होता।
S= D/T
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Validity – 2 YEAR / TILL EXAM
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Validity – TILL EXAM
SUBJECT- :
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3 MATHS PEDAGOGY NOTES
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- MATHS PEDAGOGY COURSE (UNDER 100 RS)
VALIDITY – 18 MONTH /TILL EXAM
- HINDI PEDAGOGY COURSE (UNDER 100 RS)
VALIDITY – 18 MONTH /TILL EXAM
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VALIDITY – 18 MONTH /TILL EXAM
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Validity – 6 month
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Validity – TILL EXAM
- FEMALE SUPERVISOR SECTION 1 COURSE (UNDER 300 RS)
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