राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
राज्य पशु – चिंकारा, ऊँट
1.चिंकारा- चिंकारा को 1981 में राज्य पशु घोषित किया गया।यह “एन्टीलोप” प्रजाती का एक मुख्य जीव है। इसका वैज्ञानिक नाम गजैला-गजैला है।
2.चिकारों के लिए नाहरगढ़ अभ्यारण्य जयपुर प्रसिद्ध है।
3.राजस्थान का राज्य पशु ‘चिंकारा’ सर्वाधिक ‘मरू भाग’ में पाया जाता है।
4.“चिकारा” नाम से राजस्थान में एक तत् वाद्य यंत्र भी है।
5.ऊँट- राजस्थान का राज्यपशु(2014 में घोषित)
6.ऊँट डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में और चिंकारा नाॅन डोमेस्टिक एनिमल के रूप में संरक्षित श्रेणी में रखा जाएगा
राजस्थान के प्रतीक चिन्ह– राज्य पक्षी – गोेडावण
1.1981 में इसे राज्य पक्षी के तौर पर घोषित किया गया। इसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भी कहा जाता है। यह शर्मिला पक्षी है और इसे पाल-मोरडी व सौन-चिडिया भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम “क्रोरियोंटिस-नाइग्रीसेप्स” है।
2.
गोडावण पक्षी राजस्थान में 3 जिलों में सर्वाधिक देखा जा सकता है।
मरूउधान- जैसलमेर, बाड़मेर
सोरसन- बांरा
सोकंलिया- अजमेर
1.गोडावण के प्रजनन के लिए जोधपुर जंतुआलय प्रसिद्ध है।
2.गोडावण का प्रजनन काल अक्टूबर-नवम्बर का महिना माना जाता है।यह मुलतः अफ्रीका का पक्षी है।इसका ऊपरीभाग का रंग नीला होता है व इसकी ऊँचाई 4 फुट होती है।इनका प्रिय भोजन मूगंफली व तारामीरा है।
3.गोडावण को राजस्थान के अलावा गुजरात में भी सर्वाधिक देखा जा सकता
राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
राज्य गीत -“केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश।”
इस गीत को सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई के द्वारा गया।इस गीत को अन्तराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की अल्ला जिल्ला बाई के द्वारा गाया गया। अल्ला जिल्ला बाई को राज्य की मरूकोकिला कहते है। इस गीत को मांड गायिकी में गाया जाता है।
राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
राजस्थान का राज्य नृत्य – घुमर
धूमर (केवल महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य) इस राज्य नृत्यों का सिरमौर (मुकुट) राजस्थानी नृत्यों की आत्मा कहा जाता है।
राज्य शास्त्रीय नृत्य – कत्थक
कत्थक उत्तरी भारत का प्रमुख नृत्य है। इनका मुख्य घराना भारत में लखनऊ है तथा राजस्थान में जयपुर है।
कत्थक के जन्मदाता भानू जी महाराज को माना जाता है।
राजस्थान के प्रतीक चिन्ह
राजस्थान का राज्य खेल – बास्केटबाॅल
बास्केटबाॅंल को राज्य खेल का दर्जा 1948 में दिया गया।